श्रम मंत्री श्री सत्यानन्द भोक्ता ने कहा कि राज्य में गिग वर्कर्स के लिए उचित एवं न्यूनतम वेतन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक कानून लाया जा रहा है जो सम्भवतः देश में ऐतिहासिक और झारखंड पहला राज्य होगा। वे शुक्रवार को राँची स्थित एक स्थानीय होटल में श्रम नियोजन विभाग के द्वारा “गिग वर्कर्स के सामाजिक सुरक्षा व न्यूनतम पारिश्रमिक पर झारखंड में अच्छे कार्यों को बढ़ावा” पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला के शुभारंभ कर बोल रहे थे।इस अवसर पर उन्होंने मुख्यमंत्री सारथी योजना के सफल उम्मीदवारों को जॉब ऑफर लेटर प्रदान किया साथ ही श्रमिकों के बच्चों को DBT के माध्यम से लगभग ग्यारह करोड़ रुपए की राशि छात्रवृत्ति के रूप में हस्तांतरित किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री श्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि इस कार्यशाला के माध्यम से गिग वर्कर्स के लिए उचित न्यूनतम वेतन एवं सामाजिक सुरक्षा पर चर्चा के माध्यम से राज्य केंद्रित नीति निर्माण को तेज गति प्रदान करना है।उन्होंने कहा कि प्रवासन सहायता केंद्रों के माध्यम से दूसरे राज्य से आजीविका कमाने गये श्रमिकों की समस्याओं और सुविधाओं का ध्यान रखा जाता है।
उक्त कार्यशाला में मोटो कण्टरी आई एल ओ डायरेक्टर श्रीमति मिचिको, श्रम विभाग के सचिव श्री मुकेश कुमार, कर्नाटक श्रम विभाग अपर सचिव डॉ जी. मंजुनाथन, तेलांगना श्रमायुक्त डॉ ए. गंगाधर, श्रमायुक्त संजीव कुमार बेसरा, श्रम संगठनों के प्रतिनिधिगण, गिग वर्कर्स प्रतिनिधि समेत कई गणमान्य मौजूद थे