रांची। झारखंड के विधानसभा से 1932 खतयानी पारित होने के बाद काफी बदलाव दिख रहा है। 1932 खतयानी पारित होने के बाद ही झारखंड के शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो ने साफ़ शब्दो मे कहा था 1932 के खतियान आधारित स्थानीयता व नियोजन नीति के आधार पर ही शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। आपको बता दें के अब इसका असर नज़र आ रहा है। झारखंड के सहायक अध्यापक (पारा शिक्षक) जाली सर्टिफिकेट पर भी काम कर रहे थे, अब इसका खुलासा होने लगा है। हाल ये है की इसकी वजह से कोई नौकरी छोड़ रहा है तो कोई अपने प्रमाणपत्रों की जांच ही नहीं करा रहे है। सर्टिफिकेट जांच की प्रक्रिया अप्रैल से शुरू हुई है तब से 232 पारा शिक्षकों ने नौकरी छोड़ दी है। वहीं, 170 ने सर्टिफिकेट ही जमा नहीं कराया है। इसका खुलासा गुरुवार को शिक्षा विभाग में आयोजित बैठक में हुआ।बैठक मे स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के सचिव के. रवि कुमार ने बताया कि ऐसे तथ्य सामने आया है कि जाली प्रमाणपत्रों पर काम कर रहे पारा शिक्षक सर्टिफिकेट जांच से पहले ही नौकरी छोड़ दें रहे हैं। अब तक 232 ने नौकरी छोड़ी है। इनकी संख्या बढ़ने की भी संभावना जतायी है। वहीं, 170 समेत वैसे सहायक अध्यापक जिन्होंने सर्टिफिकेट जांच के लिए आवेदन नहीं किया है। वैसे पारा शिक्षक जिन्होंने जांच के लिए आवेदन नहीं दिया है उन्हें पांच दिसंबर तक का मौका दिया जा रहा है। वे पांच दिसंबर तक सर्टिफिकेट जमा करें, नहीं तो जनवरी से मानदेय नहीं मिलेगा। इसके साथ ही उनकी सेवा समाप्त करने की कार्रवाई भी की जा सकती है। साथ ही साथ राज्य के 248 सहायक शिक्षक लापता हो गए हैं। वे न स्कूल आ रहे हैं, न बच्चों को पढ़ा रहे हैं। ऐसे शिक्षकों की विभाग तलाश करेगा। शिक्षा सचिव ने बताया कि जो 248 शिक्षक लापता हैं उन्हें खोजा जाएगा। वे क्यों स्कूल नहीं आ रहे हैं, इसका कारण उनसे पूछा जाएगा। यदि शिक्षक मिले तो उन्हें बच्चों के पठन-पाठन में लगाया जाएगा। नहीं मिलने पर उन्हें पद से हटाने की प्रक्रिया की शुरुआत की जाएगी।शिक्षा सचिव ने निर्देश दिया कि पांच जनवरी 2023 के बाद कोई भी शिक्षक बीएलओ का काम नहीं करेंगे। वे गैर शैक्षणिक कार्य नहीं करेंगे। वे एक बार गुरु-गोष्ठी में शामिल होंगे। वे स्कूलों में सिर्फ बच्चों को पढ़ाएंगे। इसके साथ-साथ स्कूली बच्चों के जाति प्रमाणपत्र, छात्रवृत्ति, पोशाक, स्कूल किट का लाभ दिलाने में अपना पूरा सहयोग करेंगे और साथ ही सरकार सुविधाओं को छात्र छात्रों पहुंचने का कार्य करेंगे। बैठक में मुख्य रूप से झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की राज्य परियोजना निदेशक किरण कुमारी पासी, शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव अभिजीत सिन्हा समेत सभी क्षेत्रीय शिक्षा संयुक्त निदेशक, डीईओ, डीएसई और विभागीय पदाधिकारी उपस्थित रहे।