रांची। श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के बैनर तले बुधवार को पत्रकारों ने दिल्ली में न्यूजक्लिक वेबसाइट के फाउंडर समेत दो पत्रकारों की गिरफ्तारी के खिलाफ रांची के अल्बर्ट एक्का चौक के समीप विरोध प्रदर्शन किया। श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्र सोरेन ने कहा कि पत्रकारों की गिरफ्तारी लोकतंत्र की हत्या है। इस पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच होनी चाहिए। किसी भी पत्रकार अगर किसी मामले में संदिग्ध पाए जाते हैं तो पहले उसकी पूरी जांच होनी चाहिए उसके पश्चात ही गिरफ्तारी सुनिश्चित हो। जिस तरह से दिल्ली में कार्रवाई हुई है उससे साफ जाहिर होता है कि जैसे बदले की भावना से कार्रवाई की गयी हो। इसकी जितना भी निंदा की जाए वह काम है। विरोध प्रदर्शन में पत्रकार यूनियन के साथ विभिन्न सामाजिक संगठन और राजनीतिक दलों ने अपना समर्थन दिया। इसमें सीपीआई के राज्य सचिव महेंद्र पाठक ने कहा कि देश में अघोषित आपातकाल की स्थिति बन गयी है। पहले विपक्ष को एड और सीबीआई के माध्यम से डराने धमकाने और मानसिक रूप से कुंठित प्रसारित करने का प्रयास किया गया। अब लोकतंत्र के चौथे स्तंभ समाज के सच्चाई की आइना दिखाने वाले पत्रकारों पर भी वही पैंतरा आजमाया जा रहा है। सीपीएम के राज्य सचिव प्रकाश विप्लव ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी पर हमले बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। झामुम के जिला अध्यक्ष मुस्ताक अंसारी ने कहा कि देश के लोकतंत्र को बचाने के लिए हम सभी लोग एकजुट हैं। पत्रकार देश के चौथे स्तंभ होते हैं इसे बचाने के लिए सभी को आगे आना होगा। भाजपा वाले के भुवनेश्वर केवट ने कहा कि पत्रकारों पर हमला स्वतंत्रता पर हमला है। इस आजादी को बचाने के लिए हम सभी लोग एकजुट होकर संघर्ष करने के लिए तैयार हैं। वहीं वरिष्ठ पत्रकार फैसल अनुराग ने कहा कि देश की आजादी लोकतंत्र और संविधान सुरक्षित नहीं है। समाज के सभी तबकों को इस पर विचार करना होगा। वरिष्ठ पत्रकार किशलय जी ने कहा कि केंद्र सरकार बोलने की आजादी पर रोक लगाना चाहती है। सभी लोग मौन होकर इसे सह रहे हैं। एक-एक कर सब की बारी आएगी जो भी सरकार के खिलाफ बोलने का प्रयास करेगा उसे जेल भेजा जाएगा। इसलिए तमाम लोकतंत्र के प्रहरियों को एकजुट होने की जरूरत है। वहीं श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के राज्य सचिव सुनील सिंह ने प्रदर्शन में शामिल सभी लोगों को धन्यवाद ज्ञापन किया। समर्थन के लिए सभी का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर उपाध्यक्ष परवेज कुरैशी, पत्रकार संजीत झा, प्रदीप ठाकुर, अमरेश कुमार, चंद्र प्रकाश रावत, गोरी रानी, रेखा कुमारी, मोनिका आर्य, अवधेश कुमार, रिजवान, मुर्शीद आलम, राजेंद्र तिवारी, पुष्कर महतो, जयशंकर चौधरी, अनुज तिवारी, श्यामल, जितेंद्र गुप्ता, योगेंद्र सिंह, नागेंद्र चौधरी, अरुण गुप्ता, अश्विनी शर्मा, गोपाल पांडेय, सहित कई बुद्धिजीवी और सामाजिक संगठन के सदस्य मौजूद थे।