कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी जयराम रमेश ने कहा कि देश में संपन्न हुए 379 सीट के चुनाव के बाद इंडिया गठबंधन को पूर्ण बहुमत हासिल चुका है. आगे के बचे तीन चरण में हम केवल बढ़त बनाने का काम करेंगे. नरेंद्र मोदी अब आऊट गोईंग पीएम हो गए हैं. 4 जून को उनके विदाई की औपचारकिताएं निभायी जाएंगी. 4 जून को देश को झूठ की महामारी से मुक्ति मिल जाएगी. उक्त बातें जयराम रमेश ने बुधवार प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान कही. इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर सहित कई नेता उपस्थित थे. रमेश ने एक सवाल के जवाब में कहा कि संविधान में ही तमिलनाडू एक ऐसा राज्य है, जहां पर आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से अधिक है. वहां पर आरक्षण 69 प्रतिशत है. क्योंकि पूर्व पीएम नरसिंहा राव के समय तमिलनाडू के आरक्षण नीति को संविधान की नौवीं अनुसूची में डाला जा चुका है. हमारी सरकार बनने पर हम इस 50 प्रतिशत की सीमा को हटाते हुए इसे बढ़ाने का काम करेंगे. झारखंड सहित कई राज्यों के आरक्षण पॉलिसी को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने का काम करेंगे. बताते चलें कि राज्य की हेमंत सोरेन सरकार ने 11 नवंबर 2022 को झारखंड विधानसभा से नयी आरक्षण पॉलिसी पास करके, उसे संविधान की नौवीं अनुसूची में डालने का प्रस्ताव राजभवन को भेजा था. जिसमें ओबीसी का आरक्षण 14 से बढाकर 27, अनुसूचित जनजाति का 26 से बढ़ाकर 28 और अनुसूचित जाति का 10 से बढ़ाकर 12 प्रतिशत करना शामिल है. मगर राज्यपाल ने इसे संविधान के विपरित बताते हुए वापस कर दिया. सरकार ने फिर से दोबारा उसे पास करके राजभवन के पास भेजा है.
चौथे चरण के बाद बौखला गए हैं पीएम, हर दिन बोल रहे हैं झूठ
रमेश ने कहा कि भाजपा पूरे दक्षिण में साफ हो चुकी है. जबकि उत्तर-पूर्व और पश्चिम में हाफ हो चुकी है. पहले घर से धन निकाल लेने, मंगलसूत्र, भैंस और कांग्रेस के घोषण के पत्र को मुस्लिम लीग की बात कर रहे थे. मगर चौथा चरण समाप्त होने के बाद उनका बयान हर दिन बदलता जा रहा है. अब वे 400 पार की बात नहीं बोल रहे हैं. तीसरे चरण में जब उन्हें इस बात का एहसास हो गया था. चौथे चरण के बाद तो वो बौखला गए. इसलिए तीसरे चरण के बाद वे धार्मिक धुर्वीकरण, हिंदु-मुस्लिम और पाकिस्तान पर आ गए. मगर चौथे चरण के बाद कल से उनका बयान बदल गया है. अब वे कहते फिर रहे हैं कि मैंने कभी हिंदु-मुस्लिम की बात नहीं की. ये दर्शाता है कि मोदी और शाह की जोड़ी को एहसास हो गया कि वे लोग पूर्व होने जा रहे हैं और 4 जून के बाद इनकी विदाई की औपचारिकताएं निभायी जाएंगी.
21 पूंजीपतियों के पास बेशुमार धन इक्कठा हो गया
जयराम रमेश ने कहा कि जब देश का प्रधानमंत्री खुद कह रहा है कि अडाणी-अंबानी टेंपो से काला धन कांग्रेस को पहुंचा रहा है तो फिर उनके जांच एजेसियों क्या कर रही हैं. अब तक उसकी ईडी, आईटी और सीबीआई जांच क्यों नहीं हुई. यह पूरे देश की जनता जानना चाहती है. मोदी सरकार में 21 पूंजीपतियों के पास इतना सारा धन इक्क्ठा हो गया, जितना देश के 70 प्रतिशत लोगों के पास भी नहीं है. इसलिए हमलोगों ने समानता की बात की है. रोजगार और लोगों के इनकम की बात की है. इसे मोदी जी ने गलत तरीके से जनता के समक्ष पेश करने का काम किया. मोदी सरकार पूंजीपतियों का लाखों करोड़ों का लोन माफ किया, मगर किसानों का नहीं. मगर जितनी बार मोदी जी कांग्रेस के पांच न्याय की बात को ट्रोल करते हैं, गलत बयानबाजी करते हैं, उनसे अधिक हमारे 25 गारंटी का प्रचार हो रहा है. मोदी जी फ्री में हमारा प्रचार कर रहे हैं. जिस दिन वे गलत बोलते हैं, उस दिन ही लाखों लोग कांग्रेस के न्याय गारंटी को डाऊन लोड करके उसे पढ़ते हैं.
कांग्रेस का मोदी से चार सवाल
मोदी जी संविधान संशोधन पर मोहन भागवत की बात पर चुप क्यों हैं
आरएसए प्रमुख अपने लेख में कहते हैं कि भारत का संविधान में मनुवादी मूल्यों से मेल नहीं खाती है. इससे प्रेरणा नहीं ली गयी. इसमें संशोधन की जरूरत है. जबकि सभी जानते हैं कि आरक्षण का लाभ इसी संविधान के तहत मिल रहा है. इसका मतलब साफ है कि आरएसएस और भाजपा संविधान संशोधन करके एसटी-एससी और ओबीसी का आरक्षण समाप्त करना चाहती है. इस पर मोदी जी अब तक कुछ स्पष्ट नहीं बोल रहे हैं.
जातिगत और आर्थिक जनगणना पर चुप क्यों हैं मोदी जी
उनके सहयोगी नीतीश कुमार ने बिहार में जातिगत जनगणना करा दिया. तो फिर मोदी जी को जातिगत जनगणना कराने में क्या दिक्कत है. 2011 के बाद जातिगत और आर्थिक जनगणना मोदी जी क्यों रोक रखे हैं. जबकि कांग्रेस खुल कर कह रही है कि वह जातिगत और आर्थिक जनगणना कराएगी, ताकि उस हिसाब से उन्हें लाभ पहुंचाया जा सके.
आरक्षण सीमा 50 प्रतिशत से बढ़ाने की बात पर चुप क्यों हैं मोदी जी
1992 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद देश में केवल तमिलनाडु को छोड़कर आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत है. तमिलनाडु का आरक्षण पॉलिसी नौवीं अनुसूची में है. वह भी कांग्रेस के कारण. तो मोदी जी यह क्यों नहीं कहते हैं कि सत्ता में आए तो वे 50 प्रतिशत की आरक्षण सीमा बढ़ाएंगे. जबकि हम कह रहे हैं कि हमारी सरकार बनने पर हम आरक्षण की सीमा बढ़ाने जा रहे हैं.
देश के लिए जरूरी अधिनियम-कानूनों को कमजोर क्यों किया मोदी जी
कांग्रेस ने इस देश के लिए कई जरूरी अनिधियम और कानून बनाएं. जिसमें वनाधिकार कानून, वन संरक्षण कानून, भूमि अधिग्रहण कानून को कमजोर क्यों किया गया. क्या इसका मतलब सीधा यह नहीं है कि जंगल को खत्म करना और वहां से आदिवाासियों को उजाड़ देना. जल, जंगल और जमीन लूट कर अपने पूंजीपति मित्रों को दे देना. मोदी जो को इसका जवाब देना चाहिए.