लोहरदगा सीट अब इंडिया गठबंधन के दो दल कांग्रेस और झामुमो के बीच तल्खी बनी हुई है. दोनों ही दल लोहरदगा सीट पर अपने-अपने हिसाब से दावा कर रहे हैं. बुधवार को झामुमो ने कांग्रेस को दो टूक सुझाव देते हुए कहा कि सीट नहीं जीत की गारंटी होनी चाहिए. झामुमो ने झारखंड में हमेशा से ही बड़ा दल होने के नाते बड़ा दिल दिखाया है. राजद का एक विधायक जीतने के बाद भी हमने मंत्री बनाया. ये बातें झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने पार्टी कार्यालय में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत के दौरान कही.
तकनीकी रूप से सीट बंटवारा नहीं हुआ है
उन्होंने कहा कि अभी तकनीकी रूप से इंडिया गठबंधन में सीटों का बंटवारा पूरी तरह नहीं हुआ है. 7,5,1,1 का फॉर्मूला कौन चला रहा है, यह पता नहीं है. ऐसा नहीं होता है. मिलकर बातें होती हैं. भट्टाचार्य ने कहा कि एक-एक सीट पर बात होनी चाहिए. सीटों का बंटवारा हो, पर केवल सीट नहीं बल्कि जीत की गारंटी होनी चाहिए. इंडिया गठबंधन की बैठक में भी कह दिया गया था कि हमें सीट नहीं, जीत देखना चाहिए.
ग्राउंड रियलिटी को देखते हुए फैसला होना चाहिए
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि सीटों का बंटवारा व प्रत्याशियों पर गठबंधन में फैसला ग्राउंड रियलिटी को देखकर होनी चाहिए. इन भावनों से गठबंधन दलों को अवगत करा दिया गया है. लोहरदगा के मामले में उन्होंने कहा कि लोहरदगा में झामुमो के ज्यादा विधायक हैं. तीन हमारे हैं दो कांग्रेस के हैं. गुमला का संपूर्ण जिले के निर्वाचित प्रतिनिधि हमारे पास हैं. ग्राउंड रियलिटी यही है कि वहां झामुमो सहयोगी दलों से ज्यादा मजबूत है. उन्होंने कहा कि कोई भी फैसला लें तो यह नहीं होना चाहिए कि महागठबंधन में व्यवधान पैदा करें. कांग्रेस खूंटी और लोहरदगा पर दावा कर रहा है. जबकि खूंटी को भी ले, तो तमाड़ व खरसावां में हमारे विधायक हैं. सिमडेगा व कोलेबिरा में कांग्रेस के विधायक हैं, जबकि खूंटी व तोरपा में भाजपा के विधायक है. श्री भट्टाचार्य ने कहा कि पार्टी आज भी राज्यहित और जनता के हित में चुनाव लड़ना चाहती है. जनता की आवाज सुनकर ही कोई फैसला लेना चाहिए.