देश विभाजन में शहीद हुए पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए जमशेदपुर के प्रबुद्धजनों ने तीन दिवसीय आत्मा शांति महायज्ञ का आयोजन आदित्यपुर स्थित जय प्रकाश उद्यान में किया है. बुधवार की सुबह महायज्ञ को लेकर भव्य कलश यात्रा निकली जिसमें 501 महिलाएं शामिल हुई. गाजे-बाजे के साथ सभी महिलाएं नगीनापुरी स्थित चित्रकूट घाट तक गई जहां से जलभरकर वापस महिलाएं यज्ञ स्थल तक लौटीं. जहां विधि विधान से आचार्यों ने कलश स्थापन किया. शाम 4 बजे से चित्रकूट धाम से पधारे स्वामी सीताराम स्वामी प्रवचन सुनाएंगे.
दूसरा यज्ञ भगवान परशुराम ने किया था
बता दें कि देश के विभाजन में शहीद हुए पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए यहां तीन दिवसीय भागीरथवंशी शहीद आत्मा शांति महायज्ञ का आयोजन खरकई तट पर स्थित जय प्रकाश उद्यान में हो रहा है. जो 14 से 16 जून तक आयोजित होगा. यज्ञ कमेटी के अध्यक्ष रमेश कुमार ने बताया कि यह अनोखा यज्ञ है जो राजा भगीरथ और भगवान परशुराम के बाद इस पृथ्वी पर हो रहा है. जिन्होंने राजा सगर के पुत्रों की आत्मा की शांति के लिए यज्ञ किए थे. दूसरा यज्ञ भगवान परशुराम ने उन आत्माओं की शांति के लिए किए थे जिसे उन्होंने स्वयं काल कलवित किया था.
16 जून को गीता पाठ के साथ महायज्ञ का समापन होगा
अब तीसरी बार देश विभाजन के समय तकरीबन शहीद हुए करीब 20 लाख लोगों की आत्मा की शांति के लिये जमशेदपुर में आत्मा शान्ति यज्ञ का आयोजन हो रहा है. कल 15 जून को प्रातः आठ बजे से हवन यज्ञ, तर्पण और संध्या चार बजे से प्रवचन जबकि 16 जून को सुबह 9 बजे से गीता पाठ के साथ महायज्ञ का समापन होगा. दोपहर एक बजे महाप्रसाद का वितरण होगा. इस महायज्ञ में अध्यक्ष रामेश कुमार के साथ एके श्रीवास्तव, शिवपूजन सिंह, मिथिलेश प्रसाद श्रीवास्तव, कन्हैया दुबे, सतीश सिंह, अनिता सिंह, दिनेश सिंह, डीडी त्रिपाठी, रविन्द्र सिंह, रघुनाथ प्रसाद, उमाशंकर तिवारी, सुधीर सिंह, ब्रिजेश कुमार राय, गायत्री परिवार की डालिया भट्टाचार्य आदि में महती भूमिका निभा रहे हैं.