रांची।
देश के अन्य कुछ राज्यों के समान झारखंड में भी भाजपा सत्ता में नहीं है। राज्य में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में गठबंधन सरकार सत्ता में है। विपक्ष के तौर पर भूमिका निभा रही भाजपा हेमंत सरकार के हर कामों की आलोचना कर रही है। दूसरी तरफ केंद्र की मोदी सरकार केअधीन कई विभाग हेमंत सरकार के कार्यों की सराहना कर रही है। सराहना करने वाले क्षेत्रों में शिक्षा, पंचायतों का विकास, स्वास्थ्य और सड़क पर विकास काम सहित मिड डे मील का सही संचालन करना शामिल हैं।
*पीएम पोषण (मिड डे मील) योजना में हुई रिपोर्टिंग कार्य की केंद्र ने की सराहना*
बीते साल अक्टूबर माह को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की संयुक्त सचिव ने राज्य के शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर पीएम पोषण (मिड डे मील) योजना की रिपोर्टिंग में झारखंड की सराहना की। बता दें कि देश भर के कुछ राज्यों ने शत-प्रतिशत रिपोर्टिंग की है, जिनमें झारखंड भी शामिल है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों के शिक्षा सचिवों को पत्र लिखर इसकी जानकारी दी थी। उत्तराखंड और झारखंड के अलावा केरल और पंजाब ही ऐसे राज्य ऐसे हैं जहां 90 प्रतिशत से अधिक स्कूलों की एनुअल डाटा एंट्री की। मिड डे मिल योजना की रिपोर्टिंग के तहत मासिक व वार्षिंक डाटा एंट्री के अलावा प्रतिदिन की रिपोर्ट के लिए आटोमेटेड मानिटरिंग सिस्टम (एएमएस) की व्यवस्था है। इसमें यह भी पता चलता है कि किस स्कूल में कितना खाद्यान्न व कुकिंग कास्ट की राशि उपलब्ध है। किस स्कूल में मिड डे मील नहीं बना, इसकी भी जानकारी मिलती है।
*सड़क और स्वास्थ्य जैसे विकास के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में खर्च करने में झारखंड काफी आगे*
झारखंड देश के उन गिने चुने राज्यों में शामिल हैं, जो सड़क और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में खर्च करने में काफी आगे हैं। बीते दिनों मीडिया में आयी 14 राज्यों की रिपोर्ट के मुताबिक झारखंड तीसरे नंबर पर है। पहले स्थान पर कर्नाटक और दूसरे में बिहार जैसे राज्य हैं। झारखंड सड़क और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में करीब 98.9 प्रतिशत खर्च कर चुका है। रिपोर्ट के मुताबिक ऊंची ब्याज दरों और महंगाई से जूझ रहे बाजारों को बूस्ट देने के लिए केंद्र ने 14 राज्यों में वित्त वर्ष 2022-23 में 7.49 लाख करोड़ रुपए पूंजीगत खर्च का लक्ष्य रखा था, पर इस मद में सिर्फ 5.71 लाख करोड़ रुपए ही खर्च हुए। यानी कुल लक्ष्य का 76.2 प्रतिशत।
*शिक्षा के क्षेत्र में समानता तथा बच्चों तक इसकी पहुंच में झारखंड का प्रदर्शन काफी बेहतर, केंद्रीय रिपोर्ट में सराहना*
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को परफारमेंस ग्रेडिंग इंडेक्स- 2.0 की वर्ष 2021-22 की रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट के मुताबिक शिक्षा के क्षेत्रों में समानता तथा बच्चों तक इसकी पहुंच में झारखंड का प्रदर्शन काफी बेहतर है। शिक्षक शिक्षा तथा प्रशिक्षण में भी झारखंड की स्थिति कुल मिलाकर ठीक है। बता दें कि हेमंत सरकार के स्कूल ऑफ एक्सीलेंस, सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना लाकर बच्चों तक शिक्षा पहुंचाने की एक बेहतरीन पहल की है।
*पंचायतों में प्रज्ञा केंद्र खोले जाने की योजना की सराहना*
बीते दिनों केंद्र सरकार के पंचायती राज मंत्रालय के सचिव सुनील कुमार राजधानी रांची दौरे पर थे। उन्होंने हेमंत सरकार के द्वारा पंचायतों में प्रज्ञा केंद्र खोले जाने की योजना की सराहना की। साथ ही कहा कि भारत सरकार भी अपने केस स्टडी में इस शामिल को शामिल कर सकता है। बता दें कि राज्य के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में भी राज्य सरकार प्रज्ञा केंद्र खोलने जा रही है। सीएम हेमंत सोरेन ने पंचायती राज विभाग को इस दिशा में कदम उठाने का निर्देश दिया है। वर्तमान में झारखंड में करीब 20,000 प्रज्ञा केंद्र संचालित हैं, जिसे सरकार बढ़ाकर 35,000 करेगी। छोटे-मोटे प्रमाण पत्र जो ऑनलाइन माध्यम से उपलब्ध हो सकते हैं, इसके लिए भी ग्रामीणों को ब्लॉक तक का चक्कर लगाना पड़ता है। पंचायतों में प्रज्ञा केंद्र खोलने का फायदा यह होगा कि इसे दूर किया जाएगा।
