जयनगर प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में चापाकल खराब हो जाने के कारण एक-एक बूंद पानी के लिए लोग तरस रहे हैं. जैसे-जैसे भीषण गर्मी बढ़ती जा रही है वैसे वैसे जयनगर प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में चापाकल खराब होने का सिलसिला जारी है. लोग पानी के लिए तरस रहे हैं. जयनगर प्रखंड के कटिया पंचायत, गड़गी पंचायत, तेतरौन पंचायत सहित प्रखंड के कई पंचायतों में कई चापाकल खराब हो गये हैं. पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है. कई इलाकों में कुआं और तालाब भी सूख गये हैं. लोगों को पानी लाने के लिए लगभग 1 किलोमीटर जाना पड़ता है.
अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप
स्थानीय लोगों ने कहा कि विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में चापाकल खराब पड़ा है. अधिकारियों को कई बार इस समस्या से अवगत करवाया गया. लोगों ने शीघ्र प्रखंड में खराब पड़े चापाकल को बनवाने की मांग की है. मांग करने वालों में तेतरोन पंचायत मुखिया आशा देवी, कटिया मुखिया रेखा देवी, गडगी मुखिया फरीदा खातून, सूरज कुमार यादव, सिकंदर कुमार यादव, विकास कुमार यादव, प्रदीप कुमार यादव, विनोद कुमार यादव, ब्रह्मदेव कुमार यादव, सिकंदर कुमार राणा, प्रदीप राणा, सूरज कुमार, जगन्नाथ कुमार, उपेंद्र राणा, बैजनाथ राणा, अमित कुमार शामिल हैं.
पैक्सों में धान बेचने वाले किसानों के सामने भुखमरी की स्थिति
कोडरमा जिला में 29 पैक्सों में किसानों ने अपना धान बेचा. विभाग के द्वारा 15 दिसंबर से धान की खरीदारी शुरू हुई. खरीदारी के 15 दिनों के अंदर ही प्रथम किश्त का भुगतान हो जाना चाहिए था. कोडरमा जिले में कई क्विंटल धान की खरीदी हुई लेकिन जिला आपूर्ति पदाधिकारी के कार्यालय से कुछ ही किसानों को पहली किश्त मिली. पूछने पर मानवीय भूल का बहाना बनाकर मामले को छिपाया गया. दूसरी किश्त भी मनमाने ढंग से भुगतान कर दिया गया. काफी जद्दोजहद के बाद पहली किश्त का भुगतान हुआ. राज्य सरकार ने धन उपलब्ध कराया लेकिन आज तक कोडरमा जिले के अधिकांश किसानों को द्वितीय किश्त का भुगतान नहीं हो पाया.