रांची सिविल कोर्ट के एक अधिवक्ता ने कोतवाली थाना में प्राथमिकी दर्ज करवाई है. अधिवक्ता अमरेन्द्र ओझा ने अपनी प्राथमिकी में आरोप लगाया है कि उनपर सिविल कोर्ट परिसर में जानलेवा हमला किया गया है और यह हमला किसी और ने नहीं बल्कि सिविल कोर्ट के ही एक अधिवक्ता ने किया है. अमरेन्द्र ओझा द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत में कहा गया है कि वह 4 अगस्त को प्रैक्टिस के लिए सिविल कोर्ट पहुंचे तो देखा कि अधिवक्ता नईमुद्दीन उर्फ नूरी और उनकी पत्नी के बीच गाली-गलौज और हाथापाई हो रही थी. जिसके बाद वह बीच बचाव करने गए. इसा दौरान अधिवक्ता नूरी ने 8-10 लोगों के साथ मिलकर उनपर जानलेवा हमला कर दिया. अधिवक्ता अमरेन्द्र ओझा ने घटना के करीब 40 दिनों बाद प्राथमिकी के लिये आवेदन दिया है और कोतवाली थाना ने प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है.