राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन कहा कि महाराष्ट्र एवं तमिलनाडु की तर्ज पर झारखंड में भी लघु एवं मध्यम उद्योगों के प्रोत्साहन के लिए विशेष प्रयास किया जाये. सरकार एवं प्रख्यात अर्थशास्त्रियों द्वारा यह स्वीकार किया गया है कि मध्यम और लघु उद्योग हमारे देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं. सकल घरेलू उत्पाद का एक महत्वपूर्ण हिस्सा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों के माध्यम से कम निवेश के साथ शुरू होता है. ऐसे में आवश्यक है कि इस सेक्टर को विशेष प्रोत्साहन दिया जाये. राज्यपाल ने शुक्रवार को चैंबर भवन में फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ( एफजेसीसीआइ ) के वर्तमान सत्र की पत्रिका के द्वितीय संस्करण के विमोचन के दौरान ये बातें कही. उन्होंने राज्य की आर्थिक प्रगति में किये जा रहे सकारात्मक प्रयासों के लिए झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रयासों की प्रशंसा की.
सरकार की ओर से वित्तीय अनुदान मिले- महेश पोद्दार
इस अवसर पर पूर्व राज्यसभा सांसद सह झारखंड चैंबर के पूर्व अध्यक्ष महेश पोद्दार ने चैंबर ऑफ कॉमर्स सहित अन्य औद्योगिक संगठनों को सरकार की ओर से वित्तीय अनुदान देने की बात पर बल दिया. कहा कि राज्य की आर्थिक प्रगति में इन संगठनों का विशेष योगदान होता है. आवश्यक है कि सरकार द्वारा इन्हें प्रोत्साहन दिया जाये.
एमएसएमई के विकास का निरंतर प्रयास- किशोर मंत्री
चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री ने कहा कि एमएसएमई के विकास के लिए झारखंड चैंबर निरंतर कार्यरत है. इसके निश्चित ही सकारात्मक परिणाम आयेंगे. औद्योगिक क्षेत्र में भूखंड आवंटन की प्रक्रिया में सरलीकरण के साथ ही अन्य सेक्टर्स की अपेक्षा इस सेक्टर को विशेष प्राथमिकता देने हेतु नियमित रूप से उद्योग विभाग से वार्ता की जा रही है. एमएसएमई के फंडिंग की सुविधा हेतु सिडबी के सहयोग से वित्तीय कठिनाईयों के समाधान की दिशा में भी कार्रवाई की जा रही है.
ये भी थे मौजूद
मौके पर चैंबर उपाध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा, अमित शर्मा, महासिचव डॉ अभिषेक रामाधीन, सह सचिव शैलेष अग्रवाल, प्रवक्ता ज्योति कुमारी, कार्यकारिणी सदस्य राम बांगड, पूर्व अध्यक्ष ललित केडिया, पत्रिका कमिटी के चेयरमैन अभिषेक अग्रवाल, सदस्य आनंद जालान, किशन अग्रवाल, संतोष अग्रवाल, राजीव चौधरी, बिनोद अग्रवाल, जसविंदर सिंह के अलावा लघु उद्योग भारती के सदस्य उपस्थित थे.