जन्मकुंडली नहीं हेल्थ कुंडली मिलाकर होगी शादी! केंद्र सरकार ने बनायी खास रणनीति

News झारखण्ड न्यूज़
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भारतीय समाज में शादी से पहले लड़का और लड़की की जन्म कुंडली मिलायी जाती है. कुंडली मिलने के बाद ही शादी की तारीख तय होती है. लेकिन आने वाले समय में सिर्फ जन्मकुंडली मिलाने से ही शादी हो जाये, ऐसा शायद संभव ना हो.क्योंकि केंद्र सरकार एक नई पहल करने जा रही है.

ट्राइबल लोगों के लिए खास तौर पर हेल्थ कार्ड जारी किया जा रहा
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय एक ऐसा कार्ड तैयार कर रहा है, जिसके जरिये ही भविष्य में शादी मुमकिन हो पायेगी. मंत्री ने बताया कि हमारे देश में एक ऐसी बीमारी है, जिससे अगर पुरुष और महिला संक्रमित हों, तो उसका असर आने वाले बच्चे पर होगा. यानी बच्चा पॉजिटिव होगा. इस बीमारी का नाम है सिकल सेल एनीमिया. ये बीमारी आदिवासी आबादियों में ज्यादा होती है. इसे ध्यान में रखते हुए ट्राइबल लोगों के लिए खास तौर पर हेल्थ कार्ड जारी किया जा रहा है. जिसका मकसद सिकल सेल एनीमिया जैसी बीमारी पर काबू पाना है. इसके लिए साल 2047 का डेडलाइन तय किया गया है.
डॉ मनसुख मांडविया ने कहा कि अधिकतर ट्राइबल इलाके के लोगो में यह बीमारी होती है. ऐसे में ट्राइबल लोगों में पहले यह टेस्ट शुरू किया जायेगा. यदि दोनों की रिपोर्ट पॉजिटिव आयी तो उन्हें बच्चा नहीं करने की सलाह दी जायेगी. देश के कई राज्यों के 200 ऐसे जिले हैं जहां इस बीमारी से पीड़ित बच्चे अधिक है. जिसमें मध्यप्रदेश, गुजरात, झारखंड, ओडिशा, राजस्थान और छत्तीसगढ़ शामिल हैं.

छत्तीसगढ़ से होगी टेस्ट की शुरूआत
इस टेस्ट की शुरूआत छत्तीसगढ़ से होगी. डॉ मनसुख मांडविया ने बताया कि इसकी शुरूआत उन राज्यों में की जायेगी, जहां सबसे अधिक ट्राइबल रहते हैं. उन्होंने कहा कि इस अभियान के लिए 40 प्रतिशत खर्च राज्य सरकार और 60 प्रतिशत खर्च केन्द्र सरकार वहन करेगी .

जानें क्या है सिकल सेल एनीमिया
बताया जा रहा है कि सिकल सेल एनीमिया खून से जुड़ी एक बीमारी है.इस बीमारी में रेड ब्लड सेल्स का साइज बदलने लगता है. ये रेड ब्लड सेल्स गोलाकर से हंसिए की तरह बन जाते हैं. ब्लड वेसेल्स में ब्लॉकेज पैदा करते हैं. ये एक जेनेटिक बीमारी है, जिसमें शरीर खून बनाना ही बंद कर देता है. इससे शरीर में खून गंभीर रूप से कमी होती है, जिसकी वजह से कई लक्षण नजर आते हैं.

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