मंत्री डॉ. इरफान अंसारी की दरियादिली: मानवता और नेतृत्व की मिसाल

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झारखंड सरकार में मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने एक बार फिर अपनी बड़ी सोच, उदार हृदय और सच्चे नेतृत्व का परिचय दिया है। नारायणपुर के पबिया निवासी कैलाश कुमार, जिसने उन्हें और उनके परिवार को जान से मारने की धमकी दी थी, को उन्होंने मानवता के आधार पर माफ कर दिया। यह निर्णय केवल एक आरोपी को क्षमा करने तक सीमित नहीं था, बल्कि इससे समाज को एक महत्वपूर्ण संदेश भी मिला कि नेता वही होता है, जो नफरत को प्रेम से बदल दे और सुधार की राह दिखाए।

धमकी देने वाला युवक, जिसने खुद से की थी सबसे बड़ी गलती
पिछले कुछ दिनों से मंत्री डॉ. इरफान अंसारी को लगातार धमकी भरे कॉल और सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए डराने की कोशिश की जा रही थी। यह मामला गंभीर था, और प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी कैलाश कुमार को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस द्वारा दर्ज की गई धाराएं इतनी गंभीर थीं कि उसे आजीवन कारावास की सजा तक हो सकती थी।

लेकिन जब कैलाश कुमार का परिवार, जिनके पिता हृदय रोगी हैं, मंत्री जी के पास रोते-बिलखते पहुंचे और अपने बेटे के लिए माफी की गुहार लगाई, तो डॉ. अंसारी का दिल पसीज गया। उन्होंने सख्त कानून के बजाय मानवता को चुना और कैलाश को माफ कर दिया।

“नफरत से कुछ नहीं मिलता, समाज में प्रेम और भाईचारा ज़रूरी”
मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने माफी देते हुए समाज के नाम एक महत्वपूर्ण संदेश दिया:

“इस तरह की हरकतें सभ्य समाज के लिए ठीक नहीं हैं। किसी के बहकावे में न आएं, स्वयं मजबूत बनें, अपने परिवार और समाज का ध्यान रखें। मेरा दरवाजा सभी के लिए खुला है, और मैं सभी को साथ लेकर चलने का कार्य कर रहा हूँ।”

यह केवल एक बयान नहीं, बल्कि उनकी विचारधारा को दर्शाता है—एक ऐसी विचारधारा जो समाज को जोड़ने, युवाओं को सही दिशा में लाने और झारखंड को आगे बढ़ाने की सोच रखती है।

जनता में खुशी, मंत्री की हो रही जमकर सराहना
डॉ. इरफान अंसारी के इस दयालु और सुलझे हुए फैसले की झारखंड भर में तारीफ हो रही है। लोग कह रहे हैं कि यही वो गुण हैं, जो उन्हें आम नेताओं से अलग बनाते हैं। राजनीति में जहां लोग बदले की भावना रखते हैं, वहां डॉ. अंसारी प्रेम और सुधार की राह दिखाते हैं। यही कारण है कि वे लगातार तीसरी बार जनता का भरोसा जीतने में सफल हुए हैं।

लोगों का मानना है कि डॉ. अंसारी सिर्फ एक नेता नहीं, बल्कि समाज के संरक्षक हैं। वे जाति, धर्म और समुदाय से ऊपर उठकर हर वर्ग और हर व्यक्ति की भलाई के लिए कार्य करते हैं।

“सजा नहीं, सुधार” की नीति से आगे बढ़ता झारखंड
डॉ. इरफान अंसारी का यह निर्णय केवल एक व्यक्ति की माफी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह झारखंड की राजनीति और समाज के लिए एक नई दिशा और सोच का प्रतीक है। उन्होंने साबित कर दिया कि असली नेतृत्व वही होता है, जो गलत करने वाले को सुधारने का अवसर दे, न कि उसे बर्बाद करने का।

उनका यह कदम न सिर्फ एक दरियादिली की मिसाल बना, बल्कि यह संदेश भी दिया कि अगर हम एक-दूसरे को माफ करना और सही रास्ता दिखाना सीख जाएं, तो हमारा समाज और भी मजबूत हो सकता है। यही नेतृत्व की पहचान है, और यही कारण है कि झारखंड को डॉ. इरफान अंसारी जैसे संवेदनशील नेता पर गर्व है।

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