अक्तूबर माह से हर – हाल में भूमि संरक्षण विभाग की योजनाओं को शुरू करने का निर्देश
योजनाओं को गति देने और कार्य संस्कृति में बदलाव की बात
कृषि , पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने आज भूमि संरक्षण कार्यालय रांची का औचक निरीक्षण किया . अचानक औचक निरीक्षण करने पहुंची मंत्री ने कार्यालय में कर्मचारियों और अधिकारियों की उपस्थिति , कार्य संस्कृति , योजनाओं से संबंधित कार्य प्रगति रिपोर्ट की जानकारी ली . भूमि संरक्षण विभाग के अंतर्गत डीप बोरिंग , परकोलेशन टैंक , तालाब के जीर्णोद्धार से संबंधित विधायकों के अनुशंसा पत्र को भी उन्होंने देखा . इसके साथ ही ट्रैक्टर वितरण और पंपसेट वितरण की प्रक्रिया को सरल बनाते हुए सरकारी अनुदान पर लाभुकों को इसका ज्यादा से ज्यादा लाभ देने का निर्देश दिया है . विधायकों के द्वारा अनुशंसित योजना का अधिकारियों के स्तर पर स्थल निरीक्षण में सुस्ती से मंत्री नाराज दिखी . इस मौके पर उन्होंने विभाग के अधीन संचालित योजनाओं को गति प्रदान करने के लिए समय सीमा का निर्धारण करते हुए टास्क दिया है . विधायकों के द्वारा अनुशंसा पत्र का योजनावार समरी तैयार किया जाएगा . विभाग के JE / AE अगस्त माह के अंत तक योजना स्थल निरीक्षण का कार्य हर हाल में पूर्ण करेंगे . इसके बाद प्रखंड विकास पदाधिकारी और अंचलाधिकारी के समक्ष जांच प्रतिवेदन की प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी . सितंबर माह में योजना से संबंधित सूची तैयार कर जिला उपायुक्त के समक्ष अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा . मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा है कि अक्टूबर माह में काम की शुरुआत हो जानी चाहिए . योजना को समय सीमा के अंदर शुरू करने को लेकर भूमि संरक्षण विभाग के द्वारा राज्य भर के सभी जिलों को भी इससे संबंधित निर्देश जारी किया जाएगा . मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की इसके बाद नामकुम के सिदरौल स्थित भगवान बिरसा मुंडा लाह मूल्य संवर्द्धन शोध एवं प्रशिक्षण केंद्र का औचक निरीक्षण करने के लिए पहुंची . उन्होंने यहां प्रशासनिक भवन के साथ – साथ लाह गोदाम का निरीक्षण भी किया . लाह केंद्र में कच्चा लाह का संग्रहण के साथ – साथ प्रसंस्करण और किसानों को प्रशिक्षण देने का कार्य किया जाता है . मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने संस्थान में लाह प्रशिक्षण के लिए मौजूद उपकरण और संसाधन के रख – रखाव को लेकर बरती जा रही लापरवाही में सुधार लाने का निर्देश दिया है . लाह केंद्र में ज्यादा से ज्यादा किसानों को प्रशिक्षित करने की बात कही गई है , ताकि लाह उत्पादन से लेकर प्रसंस्करण में नई उपलब्धियों को हासिल किया जा सके .
