मनरेगा है ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़:
हेमन्त सरकार में मजदूरी दर में लगी लंबी छलांग 2020 में दर थी 198, बढ़कर हुई 255

झारखण्ड
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केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम के तहत मजदूरी दरों में वृद्धि को अधिसूचित किया है. हरियाणा में सबसे अधिक दैनिक वेतन 357 रुपये प्रति दिन और मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में सबसे कम है 221 रुपये मजदूरी तय की गई है. केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 24 मार्च को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत मजदूरी दरों में बदलाव की अधिसूचना जारी की. अधिसूचना महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा), 2005 की धारा 6 (1) के तहत जारी की गई. मजदूरी वृद्धि सात रुपये से लेकर 26 रुपये तक की गई है. इसे एक अप्रैल से लागू कर दिया जाएगा.
नरेगा वाच के जेम्स हेरेंज ने केंद्र की पहल पर कहा है कि 1 अप्रैल से मनरेगा मजदूरों की दैनिक मजदूरी 228/- रुपये होगी. लेकिन यदि पिछले 2 वित्तीय वर्षों के अनुभव ‘के आधार पर झारखंड सरकार अपने राज्य मद से 27 रुपये देना जारी रखती है तो अगले वित्तीय वर्ष में मजदूरों की मजदूरी 255 हो जायेगी. ये दायित्व हेमंत सरकार को निभानी चाहिए. क्योंकि मामला सिर्फ मजदूरी का नहीं है बल्कि मजदूर, ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं.
पिछले वर्ष की दरों की तुलना में राजस्थान में मजदूरी में सर्वाधिक प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है. राजस्थान के लिए संशोधित वेतन 255 रुपये प्रति दिन है, जो 2022- 23 में 231 रुपये था. बिहार और झारखंड ने पिछले साल की तुलना में लगभग आठ प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है. पिछले साल, इन दोनों राज्यों में एक मनरेगा कार्यकर्ता के लिए दैनिक मजदूरी 210 रुपये थी. अब इसे संशोधित कर 228 रुपये कर दिया गया है.
छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के लिए, जहां सबसे कम दैनिक मजदूरी 221 रुपये है, पिछले वर्ष की तुलना में 17 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई. 2022-23 में, दोनों राज्यों में दैनिक वेतन 204 रुपये था. राज्यों के लिए मजदूरी में वृद्धि दो से 10 प्रतिशत के बीच है. सबसे कम प्रतिशत वृद्धि दर्ज करने वाले राज्यों में कर्नाटक, गोवा, मेघालय और मणिपुर शामिल हैं. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना एक राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना एक प्रमुख कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में परिवारों की आजीविका सुरक्षा को एक वित्तीय वर्ष में कम से कम 100 दिनों की गारंटीकृत मजदूरी रोजगार प्रदान करना है, जिसके वयस्क सदस्य अकुशल शारीरिक श्रम के लिए स्वेच्छा से काम करते हैं.
झारखंड में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) श्रमिकों को 1 अप्रैल 2023 से प्रतिदिन 228 रूपए की मजदूरी मिलेगी। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा मनरेगा के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए राज्यवार प्रतिदिन मजदूरी की दर का राजपत्र में प्रकाशन कर दिया गया है।मनरेगा के तहत काम करने वाले अकुशल हस्त कर्मकारों हेतु झारखंड के लिए 228 रूपए प्रतिदिन की मजदूरी तय की गई है। यह नई दर 1 अप्रैल 2023 से प्रभावी होगी। केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 210 रूपए मजदूरी दर निर्धारित थी। आगामी वित्तीय वर्ष के लिए इसमें 18 रूपए की बढ़ोतरी की गई है। बता दें कि झारखंड अभी केन्द्रांश के 210 रुपये और राज्य मद से 27 रुपये अलग से दे रहा है। यानी अभी 237 रुपये मिलते हैं।
भारत सरकार द्वारा निर्धारित प्रति मानव दिवस मजदूरी 228 रूपये एवं राज्य योजना मद से 27 रूपये झारखंड सरकार वहन करेगी और झारखंड में मनरेगा श्रमिकों को कुल मिलाकर 255 रूपये का भुगतान किया जाएगा।

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