करार के नौ साल गुजर गये, जुलाई में भी बिजली उत्पादन संभव नहीं

jharkhand News
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पतरातू में निर्माणाधीन 4000 मेगावाट के पावर प्लांट से जुलाई से भी उत्पादन संभवन नहीं है. पावर प्लांट का निर्माण एनटीपीसी कर रहा है. पहले मार्च 2024 में, फिर जुलाई 2024 में बिजली उत्पादन की बात कही गई थी. लेकिन सूत्रों के मुताबिक, जुलाई में भी इस प्लांट से बिजली उत्पादन की संभावना कम है. वहीं पीएमओ हर हाल में 2024 में ही पतरातू पावर प्लांट से बिजली उत्पादन शुरू कराना चाहता है.

2019 में शुरू होना था पहले चरण का उत्पादन

पतरातू में 4000 मेगावाट पावर प्लांट बनाने के लिए झारखंड सरकार ने 2015 में एनटीपीसी के साथ करार किया था. पावर प्लांट के लिए हुए करार के लगभग नौ साल गुजर गए. करार के मुताबिक, पहले चरण में 2400 मेगावाट का पावर प्लांट बनना है और दूसरे चरण में 1600 मेगावाट पावर प्लांट बनाया जाना है. पहले चरण का उत्पादन साल 2019 में शुरू होना था. राज्य सरकार और एनटीपीसी के साथ हुए समझौते के अनुसार 85 फीसदी बिजली राज्य सरकार को मिलेगी.

जेबीवीएनएल  एनटीपीसी के बीच बनी ज्वाइंट वेंचर कंपनी

वर्ष 2015 में झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड और एनटीपीसी के बीच ज्वाइंट वेंचर कंपनी पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (पीवीयूएनएल) बनी. वर्ष 2016 में कंपनी को एनटीपीसी के हवाले किया गया. इसके बाद इस वर्ष जनवरी में भेल को इसका कार्यादेश दिया गया.

एनटीपीसी  जेबीवीयूएनएल है 74:26 का शेयरधारक

करार के अनुसार, एनटीपीसी 74 फीसदी व जेबीवीयूएनल 26 फीसदी की शेयरधारक है. जेबीवीयूएनएल पैसा नहीं लगाएगी. कंपनी जमीन, कोयला व पानी देगी. पैसा एनटीपीसी लगाएगी. एनटीपीसी बैंक से लोन लेकर पैसा लगाएगी और झारखंड सरकार का उर्जा विभाग इसकी मॉनिटरिंग करेगा.

पतरातू पावर प्लांट की पीएम ने की थी समीक्षा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 मई 2022 को पतरातू पावर प्लांट की ऑनलाइन समीक्षा की थी. इस दौरान झारखंड के मुख्य सचिव ने पीएम मोदी को बताया था कि वर्ष 2024 से पतरातू के निर्माणाधीन 4000 मेगावाट के थर्मल पावर प्लांट से बिजली उत्पादन होने लगेगा.

यहां भी फंसा है पेंच

यहां भी फंसा है पेंच

  • प्लांट से बिजली लेने के लिए अब तक पूरी तरह से ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण नहीं हो पाया है.
  • राज्य सरकार की ओर से कहा गया था कि अक्तूबर 2023 तक 3300 मेगावाट के लिए ट्रांसमिशन लाइन उपलब्ध करा दिया जाएगा.
  • पतरातू पावर प्लांट के लिए आवंटित बनहर्दी कोल ब्लॉक की अब तक पूरी तरह से ड्रिलिंग ही नहीं हो पाई है.
  • बनहर्दी कोल ब्लॉक में वन भूमि का मामला अब तक क्लियर नहीं हो पाया है.

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