लालपुर में भव्य किसान मेला का आयोजन
मधुपुर प्रखंड के जभागुड़ी पंचायत अंतर्गत लालपुर गांव में दो दिवसीय भव्य किसान मेला का उद्घाटन मुख्य अतिथि सूबे के अल्पसंख्यक कल्याण, जल संसाधन मंत्री हफीजुल हसन अंसारी, विशिष्ठ अतिथि गांधीवादी कुमार कलानंद मणि, समाजकर्मी घनश्याम भाई, एक्शन एड के सौरव, जिप सदस्य सोनी सोरेन, शीला देवी, ऐनी टुडू, खगिया देवी, सागोरी हेम्ब्रम, इंद्रदेव मंडल, पंकज पियुष, कुंदन कुमार भगत, आदि ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर और नगाड़ा बजाकर किया। इसके पूर्व जभागुड़ी समेत अन्य अखड़ा टीम व ग्रामीणों द्वारा मंत्री का भव्य रूप से स्वागत किया गया। कार्यक्रम का संचालन अबरार ताबिन्दा अन्ना सोरेन आनंद मरांडी ने किया व धन्यवाद ज्ञापन ऐनी टुडू ने किया।
विषय प्रवेश कराते हुए समाजकर्मी घनश्याम ने कहा कि लालपुर 56 परिवारों का गांव है। यह एक ऐसा गांव था जहां की अधिकांश भूमि पथरीली और वीरान थी। स्थिति ऐसी थी कि मुश्किल से एक शाम का भोजन यहां के लोग जुटा पाते थे। लेकिन आज यहां के किसान खुशहाली के रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं। गांव के नौजवान, महिला, किसान संगठित हुए। सामूहिक श्रम व न्यूनतम संसाधन से उन्होंने गांव की तस्वीर और तकदीर बदलने का काम किया। जो पानी बहकर बेकार चला जाता था, ग्रामीणों के अभिक्रम से जोरिया में चेक डैम बनाकर लिफ्ट ऐरिगेशन का निर्माण कराया गया। इससे पथरीली व वीरान पड़ी भूमि पर हरियाली आ गई। पहले किसान सिर्फ धान की फसल उगाते थे, लेकिन अब धान के अलावे तीन अन्य फसल उगाते हैं। सब्जी की वृहत खेती होती है। लालपुर स्वशासन और स्वावलंबन की दिशा में आगे बढ़ रहा है। अपने श्रम, विवेक और ज्ञान से यहां के किसान समस्यों से छुटकारा पा रहे हैं। स्वंय सेवी संस्था संवाद द्वारा 4000 परिवारों के बीच जैविक खेती को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है। नशाखोर जमीन के खिलाफ बड़ा अभियान चलाए जाने की जरूरत है। झारखंड के नवनिर्माण के लिए जल, वन संरक्षण, खेती किसानी को जैविक रूप देना, भू-क्षरण को रोकना और तालाब की उड़ाही के समन्वय से ग्राम सभा के माध्यम से सरकार को सार्थक योजना बनाने की जरूरत है। मुख्य अतिथि हफीजुल हसन ने कहा कि मैं भी किसान परिवार से हूं। मेरे दादाजी नमक और किरासन तेल सिर्फ बाजार से खरीदते थे। सभी को खेती आज न कल करना ही होगा। एक घंटा बाड़ी और एक घंटा पढ़ाई का नारा गुरुजी शिबू सोरेन जी ने दिया है, इसे सार्थक बनाएं। जल संसाधन विभाग से सोलर लिफ्ट ऐरिगेशन तालाब तटंबंध समेत बुढ़ई और कृष्णा जलाशय परियोजना पर तेजी से काम होगा। किसानों का आहवान करते हुए कहा कि रासायनिक खाद से बचें। जैविक फसल और सब्जी का उपयोग करें धन कुटनी जैसी परंपराओं को बचाएं अब झारखंड में समुचित सिंचाई व्यवस्था होगा
अखड़ा टीमों ने पारंपरिक तरीके से सांस्कृतिक कार्यक्रम को प्रस्तुत किया। लालपुर किसान मेला के अवसर पर खेती किसानी उपज, हस्त कला, बांस कला, चित्राकला, पुस्तक प्रदर्शनी लगाई गई। इसके अलावे फसल प्रदर्शनी में आलू, बैंगन, टमाटर, कटहल, बंध गोभी, मूली, सरसों, अमरूद, मड़वा, गोंदली, पारंपरिक धन-बीज समेत कई तरह की फसल प्रदर्शनी में आकर्षण का केंद्र बना रहा। सूप, डाली, पंखा, झाड़ू जैसे बांस कला भी ग्रामीणों को लुभाते रहे। प्रदर्शनी में लालपुर नीचे टोला, बिचकोड़वा, चपरी, सलैया, मोहली टोला, बड़ा नारायणपुर आदि गांवों से किसान मेला में शामिल हुए। मौके पर विजय नारायण, महानंद, सुभाष, धर्मेन्द्र, रतन, फागो, लाईसन, जावेद, पंकज, फागो बेसरा, सीमाराम यादव, मनोज कुमार मंडल, गीता, श्यामली, कुसुम, शांति, सहित सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित थे।
