पटना बैठक पर शरद पवार बोले, विपक्ष की बैठक तो हुई पर मुख्य मुद्दा रहा गायब

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राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने पटना में विपक्षी दलों की बैठक की आलोचना की. इतना ही नहीं पवार ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर भी निशाना साधा. पवार ने कहा कि पटना बैठक में शामिल विपक्षी दलों ने एक स्वर में मौजूदा मोदी सरकार के खिलाफ एकजुटता का आह्वान किया. लेकिन बैठक में ‘प्रधानमंत्री पद’ को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई. विपक्षी दलों ने बैठक में बस महंगाई, बेरोजगारी और कुछ स्थानों पर ‘जानबूझकर सांप्रदायिक तत्वों को उकसाने की कोशिशों’ जैसे मुद्दों पर बात की. पवार ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी इस बैठक को लेकर चिंतित क्यों है. इससे साफ दिखता है कि उनमें राजनीतिक परिपक्वता की कमी है.

समुदायों के बीच दरार आ रही दरारों को नियंत्रित करने पर हुई चर्चा

दरअसल पवार से मीडिया पटना में हुई विपक्षी दलों की बैठक को लेकर की जा रही आलोचनात्मक टिप्पणियों के बारे में पूछा. मीडिया ने पूछा कि बैठक में ‘‘प्रधानमंत्री पद के 19 दावेदार’’ साथ में बैठे थे. तो राकांपा नेता ने इसे ‘बचकाना बयान’ कहकर खारिज कर दिया. पवार ने कहा कि बैठक में चर्चा हुई कि सत्ता में बैठे भाजपा के लोगों द्वारा किस तरह समुदायों के बीच दरार पैदा की जा रही है.  उन्होंने कहा कि धर्म और जाति के आधार पर समुदायों के बीच दरार पैदा करना किसी भी समाज के लिए नुकसानदेह है. बैठक में इस पर बातचीत हुई कि इस तरह की चीजों को कैसे नियंत्रित किया जाये. पवार ने कहा कि वह उन तथाकथित नेताओं के बयान पढ़ रहे हैं, जिन्होंने पटना में विपक्षी दलों की बैठक पर टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में बैठक (विपक्षी दलों की) आयोजित करने के लिए अनुमति क्यों नहीं है? भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष, मुझे उनका नाम याद नहीं है, उन्होंने कहा कि बैठक करने की क्या जरूरत थी. मैंने उनका बयान पढ़ा कि वह मुंबई में बैठक बुला रहे हैं. आप (भाजपा) बैठक आयोजित कर सकते हैं और हम आयोजित करें तो आप क्यों चिंतित होते हैं?

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