राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा करते हुए आजसू विधायक लंबोदर महतो ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण में 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति का जिक्र नहीं है. ओबीसी आरक्षण कहां गया. प्रमोशन में एसटीएसी को लाभ देने का मामला कहां गया. पारसनाथ में मरांग बुरु को कैद कर दिया गया है. उसे मुक्त किया जाना चाहिए. निजी क्षेत्र में 75 % स्थानीय लोग की नियुक्ति कहां गया. जनजातीय और क्षेत्रीय भाषा को लेकर भाषा एकेडमी का क्या हुआ. नियोजन नीति को अभिभाषण में क्यों नहीं डाला गया.
माले विधायक विनोद सिंह ने कहा कि मैं राज्यपाल के अभिभाषण को लेकर कृतज्ञ हैं. 3 साल में 1168 को नौकरी मिली है. उन्होंने कहा कि 33% महिलाओं को आरक्षण देने के वादे का क्या हुआ. ग्रीन कार्ड धारकों को 6 महीने से एफसीआई से राशन नहीं मिल रही है. 5 दिन अंडा देने का मामला लागू नहीं हुआ. अब सरकार कह रही है कि गर्मी आ रही है, अब 1 अंडा ही मिलेगा. ग्रामीण क्षेत्रों में मीटर ही नहीं है, कैसे 100 यूनिट फ्री बिजली योजना लागू होंगी.
सरयू राय ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण में पिछले बार के बातों को कॉपी करके डाल दिया गया है. करप्शन पर जीरो टॉलरेंस की बात फिर कही गई है, मगर क्या ये आज हो रहा है. मैंने सदन में कई मामले लाए. लेकिन एक्शन का क्या हुआ ? मैंने टॉफी घोटाले का मामला लाया. क्या हुआ ? स्वास्थ्य विभाग पर मैंने केस तक किया. क्या हुआ ? कई ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब सरकार के पास नही है, जो आदेश होते हैं उसका पालन नहीं होता है. क्या हमारा सिस्टम और अफसर सरकार की घोषणा और नीति को लागू करने में का मादा रखते है. क्या सोलर सिटी बन गया. सरकार कह रही कि ओडीएफ हो गया, क्या वाकई में हो गया. इसलिए सरकार केवल आश्वासन से बचे. उसपर काम भी करे.