समाहरणालय के सभागार में डीसी राम निवास यादव की अध्यक्षता में जन्म-मृत्यु निबंधन से संबंधित जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. बैठक में जिले की सभी बीडीओ व चिकित्सा पदाधिकारियों ने भाग लिया. बताया गया कि जन्म-मृत्यु निबंधन को 14 जुलाई से 14 अगस्त तक विशेष ड्राइव चलाया जाएगा. वैसे जिले जो इस कार्य में उत्कृष्ट प्रदर्शन करेंगे उन्हें 15 अगस्त को राज्य स्तर पर पुरस्कृत किया जाएगा. डीसी ने कहा कि झारखण्ड राज्य में जन्म-मृत्यु निबंधन का स्तर वर्तमान में लगभग 80 प्रतिशत है जिसे संतोषजनक नहीं माना जा सकता है. सरकार ने शत-प्रतिशत निबंधन का लक्ष्य निर्धारित किया है. इसी उद्देश्य से 14 जुलाई से 14 अगस्त तक राज्य में कोविड-19 अवधि के दौरान छुटे हुए घटनाओं का शत-प्रतिशत निबंधन किया जा रहा है. अभियान के दौरान लोगों जन्म-मृत्यु की घटना के निबंधन के महत्व को समझाने का व्यापक प्रचार अभियान चलाया जाएगा. इस कार्य में जन्म-मृत्यु निबंधन कार्य से जुड़े निबंधकों, आंगनबाड़ी सेविकाओं, सहिया, सरकारी विद्यालय के प्रधानाध्यापक आदि पदाधिकारियों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी.
ग्रामीण क्षेत्र की घटनाओं का निबंधन ग्रामस्तर पर होगा
डीसी ने कहा कि शहरी क्षेत्र में नगर निगम, नगर परिषद, नगर पंचायत व अधिसूचित क्षेत्र समिति में जन्म-मृत्यु का पंजियन कराया जा सकता है. वहीं चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, जिला अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल व रेफरल अस्पताल में घटित घटनाओं का पंजीयन संबंधित अस्पताल में ही होगा. ग्रामीण क्षेत्र की घटनाओं का पंजीयन ग्राम पंचायत में होता है. डीसी ने कहा कि किसी भी जन्म या मृत्यु की घटना का पंजीयन उसी शहर या ग्रामीण रजिस्ट्रेशन केन्द्र पर होगा जिसके क्षेत्र में घटना हुई है. इस कार्यशाला में सिविल सर्जन डॉ राम देव पासवान, डीएस डॉ मोहन पासवान, शिशिर पंडित, सभी बीडीओ, सभी चिकित्सा पदाधिकारी आदि उपस्थित थे.