हमारे बच्चे हादसे में नहीं मरे, उन्हें मार दिया

jharkhand News न्यूज़
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हजारीबाग के कटकमदाग थाना क्षेत्र के सिरसी स्थित एक मकान में दम घुटने से गुरुवार को 4 युवकों की मौत हो गई थी. सभी मृतक बिहार के रहने वाले थे. सभी लोग रॉयल हेल्थ केयर कंपनी में काम करते थे. बिहार से आये मृतक और अस्पताल में भर्ती युवक के परिजनों ने मार्केटिंग डायरेक्टर एवं मार्केटिंग हेड पर गंभीर आरोप लगाये हैं. परिजनों का कहना है कि बिहार, छत्तीसगढ़, ओडिशा के अलावा विभिन्न राज्यों से रॉयल हेल्थ केयर कंपनी अपने एजेंट के माध्यम से युवक-युवतियों को नौकरी दिलाने के नाम पर विभिन्न शहरों में ले जाती है. बिना व्यवस्था के युवक-युवतियों को रखकर काम कराती है.

6 माह पहले बिहार के कई गांव में जा जाकर युवक-युवतियों को नौकरी का प्रलोभन देकर हजारीबाग लायी थी. प्रत्येक युवक से ट्रेनिंग खर्च के नाम पर 22000 लिये थे. जिसमें रहना-खाना, आई कार्ड के अलावा कई सुविधा दिलाने की बात कही थी. लेकिन इस हाड़ कंपाने वाली ठंड में कंपनी ने एक किराए के मकान में जमीन पर एक बेडशीट बिछा कर सोने की व्यवस्था की थी. ठंड से बचने के लिए एक ही कमरे में सात युवक कोयला जलाकर सोये थे, जिसमें दम घुटने से चार की मौत हो गई. इनकी मौत के जिम्मेवार कंपनी और उसके अधिकारी हैं. परिजनों ने रो-रोकर कहा- हमारे बच्चे हादसे में नहीं मरे नहीं, उन्हें मार दिया गया है.

बेरोजगारों को फंसाती है, फ्रॉड कंपनी है : अंकित
वहीं बिहार के आरा से आये अंकित कुमार ने बताया कि यह एक फ्रॉड कंपनी है. चार माह पहले 22500 देकर वह भी रॉयल हेल्थ कंपनी में ज्वाइन किया था, लेकिन यहां उसे कोई काम नहीं मिला. कंपनी ने 5 माह ट्रेनिंग करवायी, इसके बाद 10 युवक-युवतियों को 22000 लेकर रॉयल कंपनी में जोड़ने का टारगेट दिया गया. लेकिन वह 10 लोगों को ज्वाइन नहीं करा पाया और फिर घर वापस जाने का मन बना लिया. जब कंपनी हेड से 5 माह का वेतन मांगा तो देने से इंकार कर दिया और घर नहीं जाने को कहा.

अंकित ने यह भी बताया कि कंपनी ने हजारीबाग में लगभग 1000 युवक -युवतियों को झांसा देकर कंपनी में ज्वाइन करवाया है और उन्हें बिना व्यवस्था के रखे हुए है. वह कई मकान भी लिया है. यहां तक की शाम ढलते ही सभी युवक-युवतियों को एक जगह इकट्ठा कर बिहारी अश्लील गाना पर डांस करवाता है. वहीं इस संबंध में अस्पताल में भर्ती मो. सलमान एवं रोहित कुमार ने बताया कि कंपनी हेड के द्वारा सेमी कंपनी की बात कही गई थी. लेकिन यहां आकर पता चला कि यह कोई कंपनी नहीं है. इसमें नेटवर्क मार्केटिंग टाइप का बिजनेस करने के लिए सिखाया जा रहा था. यहां तक की कंपनी ने 22000 रुपये भी लिये थे. मगर न तो रहने, सोने और खाने की ही सही व्यवस्था की गई थी. सुबह 6:00 बजे ट्रेनिंग के लिए ले जाता था और शाम को वापस क्वार्टर में छोड़ देता था. रात में ठंड ज्यादा लगती थी, इसकी सूचना भी कंपनी हेड को दिए थे पर उनके द्वारा कोई व्यवस्था नहीं की गई.

वहीं इस संबंध में भाजपा नेता बटेश्वर प्रसाद मेहता ने भी कंपनी पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस कंपनी में आधा से अधिकांश युवक-युवतियां नाबालिग है. ऐसे में इन्हें गुमराह कर कंपनी दूसरे राज्य से लाकर बिना व्यवस्था के किराए के मकान में रखकर काम करवा रही थी. इस पर बिहार सरकार को भी संज्ञान लेने की जरूरत है. उन्होंने यह भी कहा है कि मृतक को 10 लाख रुपये एवं घायल को 5 लाख मुआवजे के तौर पर देना चाहिए. राज्य सरकार को ऐसे लोगों पर कड़ा एक्शन लेना चाहिए. स्थानीय पुलिस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच कर दोषी पर कार्रवाई करे.

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