प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बेंगलुरु में येलहंका के वायु सेना स्टेशन में एयरो इंडिया 2023 के 14वें संस्करण का उद्घाटन किया. यह एशिया का सबसे बड़ा एयर शो है. 5 दिन तक चलने वाले इस कार्यक्रम में 98 देश हिस्सा लेंगे. पीएम ने उद्घाटन कार्यक्रम पर कहा कि बेंगलुरु का आसमान आज नये भारत का साक्षी बन रहा है. एयरो इंडिया का आयोजन भारत के बढ़ते हुए सामर्थ्य का उदाहरण है. पीएम ने कहा कि यह कार्यक्रम भारत के टेक्नोलॉजी राज्य कर्नाटक में हो रहा है. मैं कर्नाटक के युवाओं से अपील करता हूं कि टेक्नोलॉजी में जो आपको महारत है उसको रक्षा में लगाएं. जब कोई देश नई सोच नई अप्रोच के साथ आगे बढ़ता है उसकी दिशा भी नई अप्रोच के साथ आगे बढ़ती है. आज एयरो इंडिया केवल एक शो नहीं है यह ताकत भी है.
डिफेंस का इंपोर्टर अब दुनिया के 75 देशों को डिफेंस इक्विपमेंट एक्सपोर्ट
पीएम ने कहा कि आज दुनिया के डिफेंस कंपनी के लिए भारत एक मात्र मार्केट नहीं है. यह एक पोटेंशियल पार्टनर भी है. हमारी टेक्नोलॉजी इन देशों के लिए कॉस्ट इफेक्टिव के साथ-साथ क्रेडिबल भी है. आज भारत की सफलता का प्रमाण आकाश दे रहा है. आत्मनिर्भर भारत का बढ़ता सामर्थ्य है. 21वीं सदी का नया भारत न कोई मौका खोयेगा और न ही मेहनत में कमी रखेगा. उन्होंने कहा कि हम कमर कस चुके हैं. हम हर सेक्टर में रेवोल्यूशन ला रहे हैं. जो देश दशकों तक सबसे बड़ा डिफेंस का इंपोर्टर था, वो अब दुनिया के 75 देशों को डिफेंस इक्विपमेंट एक्सपोर्ट कर रहा है. बीते 5 साल में देश का निर्यात 6 गुना बढ़ा है. 2021-22 में हमने अब तक के रिकॉर्ड 1.5 बिलियन डॉलर से ज्यादा के एक्सपोर्ट के आंकड़े को पार कर लिया है.
2024 -25 तक डिफेंस एक्सपोर्ट को 5 बिलियन डॉलर करना लक्ष्य
पीएम ने कहा कि रक्षा एक ऐसा क्षेत्र है, जिसकी टेक्नोलॉजी उसके मार्केट को सबसे ज्यादा कॉम्प्लिकेटेड माना जाता है. आने वाले समय में इसका एक्सपोर्ट डेढ़ बिलियन से बढ़ाकर 5 बिलियन तक होगा. भारत के रक्षा सेक्टर में निवेश करें. नयी संभावना और नये अवसर सामने हैं. भारत ने बीते 8-9 साल में अपने यहां डिफेंस के क्षेत्र का कायाकल्प कर दिया है. हम अभी इसे केवल एक शुरुआत मानते हैं. हमारा लक्ष्य है कि हम वर्ष 2024 -25 तक डिफेंस एक्सपोर्ट को 5 बिलियन डॉलर तक ले जायेंगे. भारत अब डिफेंस उत्पादक देशों में शामिल होने के लिए तेजी से कदम बढ़ायेगा.
भारत के फाइटर पायलट को ऊंचाइयां छूने से डर नहीं लगता
अमृतकाल का भारत एक फाइटर पायलट की तरह आगे बढ़ रहा है. जिसको ऊंचाइयां छूने से डर नहीं लगता. जो सबसे ऊंची उड़ान भरने के लिए उत्साहित है. आज का भारत तेज सोचता है. दूर की सोचता है और तुरंत फैसले लेता है. उन्होंने आगे कहा कि एक बात और भारत की रफ्तार चाहे जितनी तेज हो लेकिन वो हमेशा जमीन से भी जुड़ा रहता है. पीएम मोदी ने कहा कि देश-विदेश के एग्जिबिटर इसमें अपनी भागीदारी कर रहे हैं. इसने अब तक अपने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिये हैं. इसमें भारतीय एमएसएमई भी हैं. स्वदेशी स्टार्ट अप भी है और दुनिया की जानी मानी कंपनी भी है. नीतियों में साफ नियत है. हमने ग्लोबल इन्वेस्टमेंट और इंडियन इनोवेशन के लिए कदम उठाए हैं. नियमों को आसान बनाया है.
32 देशों के रक्षा मंत्री एयरो शो में होंगे शामिल
कार्यक्रम में यूएवी सेक्टर की ग्रोथ, भविष्य की शानदार टेक्नोलॉजी पर भी खास जोर दिया जायेगा. लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए)-तेजस, एचटीटी-40, डॉर्नियर लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर (एलयूएच), लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (एलसीएच) और एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) जैसे स्वदेशी हवाई प्लेटफार्मो के निर्यात को भी बढ़ावा देगा. इस कार्यक्रम में 9 रक्षा की कंपनियां भी इस कार्यक्रम में शिरकत कर रही हैं. साथ ही 32 देशों के रक्षा मंत्री भी एयरो शो में शामिल हो रहे हैं. भारत में संयुक्त राज्य अमेरिका के राजदूत एलिजाबेथ जोन्स एयर शो में अब तक के सबसे बड़े अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगी. उन्होंने कहा कि भारत अपनी रक्षा क्षमताओं का आधुनिकीकरण कर रहा है. निश्चित रूप से हम भारत के पसंदीदा भागीदार बनना चाहते हैं. हम पारस्परिक रूप से लाभकारी सह-उत्पादन और सह-विकास साझेदारी पर तेजी से ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.