रांची PMLA (प्रीवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) की विशेष कोर्ट ने अलकतरा घोटाला के दोषी विजय तिवारी को तीन वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही कोर्ट ने विजय पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है. ईडी ने 55 लाख 42 हजार रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में वर्ष 2012 में केस दर्ज किया था. विजय तिवारी की कंपनी कलावती कंस्ट्रक्शन को वर्ष 2008-9 में पलामू में सड़क मरम्मती का काम मिला था. सड़क निर्माण विभाग ने कलावती कंस्ट्रक्शन को बालूमाथ से हेरहंज पांकी रोड़ की मरम्मति के कार्य का ठेका 1.32 करोड़ रुपये में दिया था. इसमें से एक करोड़ 9 लाख रुपए का भुगतान सरकार की ओर से कर दिया गया था. लेकिन विजय तिवारी ने अलकतरा का 11 फर्जी बिल विभाग में जमा कर पैसे निकासी कर ली. कंपनी की ओर से जमा किए 13 में से 11 बिल फर्जी पाए गए थे. फर्जी बिल के जरिए 55 लाख 42 हजार रुपए की निकासी हुई थी. ट्रायल के दौरान ईडी की ओर से 18 गवाह और कई साक्ष्य कोर्ट में प्रस्तुत किए गए. इस मामले में ईडी के विशेष लोक अभियोजक शिव कुमार उर्फ काका जी ने पक्ष रखा.