जिस पूजा सिंघल के नाम पर मौजूदा सरकार को बदनाम करने की साजिश कर रही थी बीजेपी उसी पूजा सिंघल ने 2013 से 2019 के बीच कमाई है यह संपत्ति
रांची। निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंगल मामले मे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा बीते गुरुवार को बड़ी कारवाई की है। आपको बता दें उनके अस्पताल व डायग्नोस्टिक सेंटर सहित 82.77 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति कुर्क कर दी गई है। जब से ये मामले सामने आया है दिन प्रतिदिन कुछ ना कुछ झारखंड के राजनैतिक से लेकर उद्योगपतियों मे हल चल देखी जा रहीं है। गुरुवार को पूजा सिंगल की संपत्ति कुर्क हुई तब से मामला और भी चर्चा मे है। जिसे लेकर झारखंड के विधायक सरयू राय ने ट्वीट कर पुर्व मुख्यमंत्री पर कटाक्ष किया है आपको बता दें कि ट्वीट मे उन्होने कहा,श्रीमती पूजा सिंघल की ₹82.77 करोड़ की भ्रष्टाचार जनित समाप्तियाँ आज जप्त कर लिया। इसमें पल्स अस्पताल, पल्स डायग्नॉस्टिक सेंटर आदि शामिल हैं। ईडी के अनुसार ये संपत्तियाँ मुख्यतः मनरेगा घोटाला से अर्जित की गई हैं। ईडी जार्जशीट के अनुसार यह अवैध धन 2013 से 2019 के बीच का है। अब देखना ये है के इस पर भाजपा का क्या जवाब आता है।
ईडी के अनुसार जब्त की गई संपत्तियों में पल्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल समेत पल्स डायग्नोस्टिक एंड इमेजिंग सेंटर और संजीवनी के नाम पर खरीदी गई संपत्ति भी शामिल है। पल्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, पल्स डायग्नोस्टिक सेंटर को उनके पति अभिषेक झा संभालते हैं। इसके अलावा जब्त की गई संपत्तियों में रांची स्थित दो लैंड प्रॉपर्टी शामिल हैं। मनरेगा घोटाले का यह मामला झारखंड के खूंटी जिले का है। पूजा सिंघल 16 फरवरी, 2009 से 19 जुलाई, 2010 तक खूंटी की उपायुक्त थीं। उसी दौरान 18.06 लाख रुपये का घोटाला हुआ था। आरोप है कि मनरेगा की योजनाओं में काम कराए बगैर ही राशि की निकासी कर ली गई थी। इसके अलावा कमीशन के तौर पर भी मोटी रकम की उगाही हुई थी। घोटाला सामने आने पर झारखंड सरकार ने इसकी जांच शुरू कराई थी, लेकिन बाद में पूजा सिंघल को क्लीन चिट दे दी गई थी। उस वक्त रघुवर दास मुख्यमंत्री थे। ईडी ने घोटाले से अर्जित रकम की मनी लॉन्ड्रिंग के बिंदु पर जांच की तो पाया कि खूंटी, चतरा और पलामू में उपायुक्त के पद पर रहते हुए पूजा सिंघल के बैंक अकाउंट्स में उनके वेतन से 1.43 करोड़ रुपये ज्यादा की राशि जमा हुई है।