जी20 रात्रिभोज में खड़गे को आमंत्रित न किये जाने पर मोदी सरकार पर बरसे राहुल, कहा, सुनिश्चित करेंगे कि हमारी संस्थाओं, आजादी पर हमला बंद हो

देश-विदेश
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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने जी20 रात्रिभोज में राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को आमंत्रित नहीं किये जाने को लेकर आज शुक्रवार को मोदी सरकार पर हल्ला बोला. राहुल ने कहा कि यह इस बात का प्रमाण है कि सरकार देश की 60 प्रतिशत आबादी का प्रतिनिधित्व करने वाले विपक्षी नेताओं को महत्व नहीं देती.

उन्होंने यहां संवाददाताओं से बातचीत में यह दावा भी किया कि भारत में महात्मा गांधी के दृष्टिकोण और नाथूराम गोडसे के दृष्टिकोण के बीच की लड़ाई है. विपक्षी दल यह सुनिश्चित करेंगे कि लोकतांत्रिक संस्थाओं और आजादी पर हमला बंद हो.

पीएम विपक्ष के नेताओं को महत्व नहीं देते
जान लें कि राहुल गांधी इन दिनों यूरोप के दौरे पर हैं. जी20 रात्रिभोज के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे को आमंत्रित नहीं किये जाने के सवाल पर राहुल गांधी ने कहा, इसमें विपरीत बात क्या है? उन्होंने (सरकार) विपक्ष के नेता को आमंत्रित नहीं करने का फैसला किया है. यह आपको कुछ बताता है. यह आपको बताता है कि वे भारत की 60 प्रतिशत आबादी का प्रतिनिधित्व करने वाले नेताओं(विपक्ष) को महत्व नहीं देते हैं. यह कुछ ऐसा है जिसके बारे में लोगों को सोचना चाहिए. उन्हें ऐसा करने की आवश्यकता क्यों महसूस हो रही है और इसके पीछे किस प्रकार की सोच है.

हमने गठबंधन को INDIA नाम दिया, इससे प्रधानमंत्री परेशान हो गये

राहुल गांधी ने INDIA और भारत से जुड़े विवाद पर कहा, संविधान में देश का नाम इंडिया, जो भारत है… मैं उससे पूरी तरह खुश हूं. मुझे लगता है कि नाम बदलने की बात घबराहट में की गयी है. यह ध्यान भटकाने का प्रयास है. राहुल गांधी ने रहा, हमने अपने गठबंधन को INDIA नाम दिया है… इससे प्रधानमंत्री परेशान हो गये कि वह देश का नाम बदलना चाहते हैं. उन्होंने आरोप लगाया, जब हम अडानी या मित्रवादी पूंजीपतियों का नाम लेते हैं तो प्रधानमंत्री ध्यान भटकाने की तरकीब लेकर आ जाते हैं. जब मैंने अडानी मामले पर संवाददाता सम्मेलन किया तो ध्यान भटकाने का पूरा प्रकरण हुआ.

भारत में लोकतंत्र के लिए लड़ाई हमारी जिम्मेदारी है
यूरोपीय संघ के सांसदों के साथ गुरुवार को हुई बातचीत के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, भारत और यहां पर जो हो रहा है उस बारे में विचारों का आदान-प्रदान हुआ है…सांसदों के साथ हमने भारत और यूरोप के संबंधों के बारे में बात की…यह बहुत सार्थक बातचीत थी. उन्होंने यह भी कहा कि भारत के सामने खड़ी आर्थिक चुनौतियों और लोकतांत्रिक संस्थाओं पर हमले के बारे में भी बात हुई. कांग्रेस नेता ने एक सवाल के जवाब में यह भी कहा,भारत में लोकतंत्र के लिए लड़ाई हमारी जिम्मेदारी है, हम इस जिम्मेदारी को निभायेंगे. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हमारी संस्थाओं, आजादी पर हमला बंद हो.

रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत के वर्तमान रुख से सहमत
कश्मीर से संबंधित प्रश्न पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘‘कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है. यहां भारत के अलावा कोई और मतलब नहीं है. हमने कार्य समिति में प्रस्ताव पारित किया है…जब हम लोकतांत्रिक संस्थाओं की सुरक्षा की बात कर रहे हैं, तो इसमें कश्मीर समेत देश सभी हिस्सों की बात करते हैं. उन्होंने दावा किया, भाजपा का मानना है कि सत्ता को केंद्रीकृत किया जाना चाहिए, धन को केंद्रित किया जाना चाहिए और भारत के लोगों के बीच बातचीत को दबा दिया जाना चाहिए. रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत सरकार के रुख से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि विपक्ष कुल मिलाकर इस संघर्ष (रूस और यूक्रेन के बीच) पर भारत के वर्तमान रुख से सहमत होगा. हमारा रूस के साथ रिश्ता है. मुझे नहीं लगता कि सरकार वर्तमान में जो रुख अपना रही है, उससे विपक्ष का कोई अलग रुख होगा.

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