रामगढ़ उपचुनाव एनडीए के लिए बनी नाक की लड़ाई

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रामगढ़ में होने वाले उपचुनाव का रण तैयार हो चुका है. यहां 27 फरवरी को वोटिंग होगी और 2 मार्च को नतीजे आएंगे. सत्ताधारी महागठबंधन की ओर से कांग्रेस चुनाव परिणाम हर हाल में अपने पाले में करने के लिए मेहनत कर रहा है. वहीं एनडीए के लिए रामगढ़ उपचुनाव नाक की लड़ाई बन गई है. रामगढ़ उपचुनाव का परिणाम महागठबंधन की एक और जीत उनकी उपलब्धियों के दावे पर मुहर लगा देगी. वहीं यदि एनडीए यहां बाजी मार ले जाती है तो जाहिर है कि इसे हेमंत सोरेन सरकार की घटती लोकप्रियता के रूप में प्रचारित करने का मौका उन्हें मिलेगा. 2019 चुनाव का परिणाम एनडीए के विरोध में था. वह सत्ता से बाहर हो गई, इसके बाद प्रदेश में हुए 4 उपचुनावों में भी एनडीए को हार का सामना करना पड़ा. ऐसे में रामगढ़ उपचुनाव एनडीए के लिए नाक की लड़ाई बन गई है. वहीं एनडीए के घटक दल आजसू का मानना है कि चूंकि एनडीए में आजसू की वापसी हो गई है, रामगढ़ उपचुनाव में एनडीए की जीत महागठबंधन सरकार के पतन की शुरुआत होगी. हालांकि रामगढ़ उपचुनाव के लिए किसी राजनीतिक दल ने अपने अधिकृत प्रत्याशी की घोषणा अभी तक नहीं की है. लेकिन चुनावी गोलबंदी जारी है.

2019 के चुनाव में 22 उम्मीदवार थे मैदान में
2019 में हुए विधानसभा चुनाव में रामगढ़ विधानसभा सीट पर कुल 22 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था. जिसमें 10 उम्मीदवार ही ऐसे थे जिन्हें 1000 से अधिक वोट प्राप्त हुआ था. बाकी सब हजार के नीचे रहे. इस सीट पर चुनाव लड़ने वालों में कांग्रेस, आजसू पार्टी, भाजपा, सीपीआई, जनता दल यूनाइटेड, शिवसेना, माले शामिल शामिल थी.

मामता देवी, कांग्रेस- 99944

सुनीता चौधरी, आजसू पार्टी- 71226

रणंजय कुमार, बीजेपी- 31874

बबलू कुशवाहा, निर्दलीय- 3271

खुर्शीद अहमद कुरैशी, सीपीआई- 2084

झारखंड में हुए 4 उपचुनाव में बीजेपी की हुई हार
झारखंड विधानसभा चुनाव-2019 के बाद प्रदेश में 4 उपचुनाव हो चुके हैं. बेरमो, दुमका, मधुपुर और मांडर विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में महागठबंधन ने बाजी मारी है.

बेरमो उपचुनाव

बेरमो उपचुनाव कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजेंद्र सिंह के निधन के बाद नवंबर 2020 में उपचुनाव कराये गये. राजेंद्र सिंह के बेटे अनूप सिंह उर्फ कुमार जयमंगल सिंह ने बीजेपी के योगेश्वर महतो ”बाटुल” को 14,236 मतों से हराया.

दुमका उपचुनाव

हेमंत सोरेन द्वारा विधायकी छोड़ने की वजह से यह सीट खाली हुई थी. नवंबर 2020 में चुनाव कराये गये थे. इन चुनावों में झामुमो के बसंत सोरेन ने बीजेपी की डॉ लुईस मरांडी को 6,512 वोट से हराया.

मधुपुर उपचुनाव

झामुमो नेता हाजी हुसैन अंसारी के निधन से खाली हुई इस सीट पर झामुमो के हफीजुल हसन अंसारी ने बीजेपी के गंगा नारायण सिंह को हराया. झामुमो प्रत्याशी हफीजुल हसन ने बीजेपी प्रत्याशी को 5247 वोट से पराजित किया. हफीजुल हसन को 1,10,783 वोट मिले, जबकि बीजेपी प्रत्याशी गंगा नारायण सिंह को 1,05,491 वोट ही मिले.

मांडर उपचुनाव

मांडर विधानसभा सीट विधायक बंधु तिर्की की सदस्यता समाप्त होने के बाद खाली हुई थी. आय से अधिक संपत्ति मामले में सजा होने पर उनकी सदस्यता रद्द की गई. 23 जून उपचुनाव कराया गया. कांग्रेस की शिल्पी नेहा तिर्की ने बीजेपी की गंगोत्री कुजूर को 23,517 वोट के बड़े अंतर से हराया था.

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