झारखण्ड सरकार द्वारा झारखंड के छात्रों के लिए बनाई गई नियोजन नीति जिसके तहत जेएसएससी की परीक्षा में वैसे ही छात्र भाग ले सकते जिन्होंने झारखंड से 10वीं और 12वीं की परीक्षा पास की है , झारखण्डी छात्रों के लिए बनाई गई इस नियोजन नीति को कल हाई कोर्ट ने असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया है जिसके खिलाफ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि हमने छात्रों के अच्छे के लिए ये नीति बनाई थी और मैं इस आदेश के खिलाफ आगे कानूनी लड़ाई लडूंगा और सुप्रीम कोर्ट जाऊंगा I
आपको बता दे कि यही नियम उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के छात्रों पर भी लागू है , वहां के छात्र जब 10वीं 12वीं की परीक्षा अपने राज्य से पास करेंगे तभी वो वहां के सरकारी नौकरियों का लाभ ले सकते है , तो इसी बात को झारखण्ड सरकार भी अब कह रही है कि जो नियम कानून उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के लिए सही है वही कानून हमारे झारखंड में गलत कैसे हो गई ? लगातार इस मामले को लेकर छात्रों में भी रोष है ओर कल से ही इस पर रुझान आने शुरू भी हो चुके है , वहीं विपक्ष इस मामले को लेकर सरकार पर हमला बोल रही है कि हेमंत सरकार का बनाया कानून ही गलत था I