ऑपरेशन ऑक्टोपस” के तहत पुलिस ने लातेहार और छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित बूढ़ा पहाड़ को नक्सलियों के कब्जे से मुक्त कर लिया. साथ ही बूढ़ा पहाड़ में अभियान चलाने के लिए कई फॉरवर्ड कैंप भी बना लिये. इस बीच सूचना मिली है कि बूढ़ा पहाड़ से भागने के बाद एक दर्जन से भी अधिक बड़े इनामी नक्सलियों ने पलामू, चतरा और लातेहार सीमावर्ती क्षेत्रों को अपना नया ठिकाना बनाया है. इन इलाकों में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के कमांडर और 25 लाख के इनामी गौतम पासवान, 15 लाख के इनामी मनोहर गंझू और नीरज खरवार, 10 लाख के इनामी अरविंद मुखिया और सुनील यादव के नेतृत्व में दस्ता सक्रिय है. वहीं प्रतिबंधित नक्सली संगठन तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी के टॉप कमांडर और 15 लाख के इनामी आक्रमण गंझू और 10 लाख के इनामी शशिकांत के नेतृत्व में भी दस्ता सक्रिय है. साथ ही झारखंड जनमुक्ति परिषद के 10 लाख के इनामी पप्पू लोहरा और 5 लाख के इनामी सुनील उरांव के नेतृत्व में दस्ते ने डेरा डाला है.
बीते दिन पुलिस ने दो इनामी नक्सली को किया था गिरफ्तार
बूढ़ा पहाड़ से भागे दो बड़े नक्सलियों को गिरफ्तार करने में झारखंड पुलिस को सफलता मिली है. लातेहार पुलिस ने बीते दिन भाकपा माओवादी संगठन के 2 टॉप नक्सली कमांडर संजीवन और कुंदन को गिरफ्तार किया. जानकारी के अनुसार, दोनों नक्सली लातेहार, पलामू और चतरा के सीमावर्ती इलाकों में भाकपा माओवादी संगठन का दस्ता तैयार कर लेवी वसूलने की प्लानिंग कर रहे थे. नक्सली संजीवन पर 10 लाख और कुंदन पर 5 लाख रुपये के इनाम घोषित हैं.
युद्धस्तर पर जारी है नक्सल विरोधी अभियान
गौरतलब है कि झारखंड में पिछले कुछ वर्षों से युद्धस्तर पर नक्सल विरोधी अभियान जारी है. ऑपरेशन बुल और ऑपरेशन ऑक्टोपस के जरिए नक्सल ठिकानों को ढूंढ़कर खत्म किया जा रहा है. ऑपरेशन ऑक्टोपस के दौरान झारखंड और छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित बूढ़ा पहाड़ को नक्सलमुक्त किया गया. कोल्हान के जंगलों में भी नक्सली ठिकानों को ढूंढ़कर नष्ट किया गया. इसके बाद घने और दुर्गम जंगली इलाकों में सुरक्षाबलों का कैंप स्थापित किया गया है. झारखंड सरकार ने बूढ़ा पहाड़ पुनर्विकास परियोजना शुरू की है. बड़ी संख्या में नक्सलियों ने आत्मसमर्पण भी किया है.