जारी लोकसभा चुनाव 2024 में लोकतान्त्रिक-धर्मनिरपेक्ष ‘इंडिया गठबंधन’ को झारखण्ड में जिताने के अहम् मतदाता कार्यभार के तहत …. काली स्थान रोड, रांची स्थित कॉमरेड महेंद्र सिंह भवन में राज्य व राजधानी रांची में जनमुद्दों पर सक्रिय रहनेवाले सामाजिक एवं नागरिक संगठनों से जुड़े एक्टिविस्टों,बुद्दिजीवियों एवं नागरिक समाज के प्रतिनिधियों की बैठक हुई.
जिसमें केंद्र के शासन में काबिज़ सत्ताधारी एनडीए गठबंधन और उसके घटक भाजपा-आजसू समेत उसके सहयोगियों द्वारा देश के संविधान, लोकतंत्र, गंगा-जमुनी तहज़ीब के साथ साथ व जनता के लोकतान्त्रिक जन अधिकारों पर किये जा रहे कॉर्पोरेटपरस्त हमलों के ख़िलाफ़ ….. विपक्षी ‘इंडिया गठबंधन’ और उसके सहयोगी दलों के प्रत्याशियों को पुरी मजबूती के साथ विजयी बनाने का एकजुट फैसला लिया गया.
बैठक को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने एक स्वर से मौजूदा केंद्र व भाजपा की सरकार पर आरोप लगाया कि उसने देश की जनता के सवालों के लिए होनेवाले लोकसभा-चुनाव के जनमत संग्रह अभियान को “एक युद्ध” में तब्दील कर दिया है. जिसमें सत्ता और जनता बिलकुल आमने सामने है. अहंकारी भाजपा सरकार देश की बहुदलीय लोकतान्त्रिक प्रणाली को तहस-नहस कर “एक पार्टी, एक नेता” की तानाशाही थोपने पर आमादा है. इसीलिए जो भी उसके विपक्ष में है उसपर हमलावर होकर टूट पड़ी है. दुनिया में ये सबसे कलंकित उदाहरण है कि जनता द्वारा चुने गए किसी मुख्यमंत्री (दिल्ली)व पूर्व मुख्यमंत्री (झारखण्ड) तक को जेल में डाल दिया है.
विपक्ष के नेताओं को तोड़ने के लिए उनकी ब्लैकमेलिंग, खरीद-फरोख्त और ईडी-सीबीई की छापेमारियां हो रही है. जो नेता नहीं टूट-झुक रहें हैं, उन्हें फर्जी मुकदमों में फंसाकर सीधे जेल में डाल दिया जा रहा है. भाकपा माले के जनलोकप्रिय युवा दलित विधायक मनोज मंजिल समेत उनके 23 पार्टी कार्यकर्त्ताओं को फर्जी मुक़दमे में आजीवन कारावास दिलाकर उनकी विधायकी समाप्त कराया जान, ताज़ा उदाहरण है.
भाजपा नेता खुलेआम घोषणा कर रहे हैं कि “अबकी बार 400 पार” इसीलिए करना चाहते हैं कि मौजूदा देश के लोकतान्त्रिक-धर्मनिरपेक्ष संविधान की जगह “मनुस्मृति आधारित संविधान” लागू करना है.
सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप से “इलेक्ट्रोल बौंड घोटाला” की सच्चाई ने भी “न खाऊंगा, न खाने दूँगा” की असलियत देश के सामने उजागर कर दी है.
केंद्र की सरकार और भाजपा द्वारा चुनावी विजय हासिल करने के लिए “हिन्दू-मुसलमान” नफरती हिंसा पुरे देश में फैलाने के बाद अब झारखण्ड में वोटों का सांप्रदायिक ध्रुवीकरण कराने के लिए “डीलिस्टिंग” के नाम पर “सरना-इसाई” विवाद से समाज का सांप्रदायिक विभाजन किया जा रहा है.
बैठक सर्वसम्मति से तय किया गया कि झारखण्ड में जनता की बुलंद आवाज़ कहेजानेवाले माले विधायक विनोद सिंह जो इंडिया गठबंधन के कोडरमा से प्रत्याशी हैं, पूरी ताक़त से उनकी जीत को सुनिशिचित कराया जाय. उनकी जीत की गारंटी के लिए- ‘स्टैंड फॉर कॉमरेड विनोद सिंह’, नागरिक समूह का गठन किया गया. जो कोडरमा लोकसभा सीट से कॉमरेड विनोद सिंह को हर हाल में जिताने के लिए पूरी ताक़त से काम करेगा.कोष संग्रह,बुद्दिजीवियों की अपील,सोशल मीडिया कंपैन एवं कोडरमा चलो अभियान का निर्णय लिया गया, अगली बैठक ईद मिलन के साथ आयोजित होगी.
एआइपीएफ़ के नदीम खान के संयोजकत्व में हुई बैठक की अध्यक्षता वरिष्ठ भाकपा माले नेता शुवेंदु सेन ने की,वरिष्ट पत्रकार श्रीनिवास,अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के पूर्व अध्यक्ष एवं झारखंड के अध्यक्ष शारिक अहमद, वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्त्ता कुमार वरुण, आदिवासी चिंतक वाल्टर कुलडुलना, एआइपीएफ़ की युवा एक्टिविस्ट तारामणि साहू,जनाधिकार महासभा के सिराज दत्ता, झारखंड आंदोलनकारी समर सिन्हा, जगरनाथ उरांव,सुदामा खलखो,सामाजिक कार्यकर्ता मो बब्बर,मो नौशाद अलाम,नसीम खान,मजदूर नेता भीम साहू आदि शामिल थे.