Hazaribagh : धनबाद में भीषण अग्निकांड के बाद जो हजारीबाग नगर निगम विभिन्न संस्थानों को अग्निशमन यंत्र लगाने का निर्देश दे रहा है, वह खुद आदेश का अनुपालन नहीं कर रहा है. आए दिन शिक्षण, स्वास्थ्य व अन्य संस्थानों और बड़े-बड़े अपार्टमेंट में नगर निगम के अधिकारी और कर्मी अग्निशमन यंत्र लगाए जाने की जांच कर रहे हैं, उन्हें यह पता होना चाहिए कि खुद नगर निगम के भवन में अग्निशमन यंत्र नहीं लगा है. वह भी ऐसी स्थिति में जब नगर निगम में वर्ष 2019 में भीषण आग लग चुकी है. नए भवन में रखे करीब 25 लाख के कीमती फर्नीचर समेत कई कंप्यूटर व अन्य सामान देखते ही देखते पदाधिकारियों की आखों के सामने खाक हो गए थे. उसके बाद भी नगर निगम नहीं चेता और चार वर्ष गुजर गए, लेकिन भवन में अग्निशमन यंत्र लगाने की बात तो छोड़ दें, उसकी प्रक्रिया भी शुरू नहीं की गई. इससे पहले भी दो बार यहां आग लग चुकी है. पिछले माह धनबाद के नर्सिंग होम में भीषण अग्निकांड हुआ. तब कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए हजारीबाग समेत राज्यभर के संस्थानों में अग्निशमन यंत्र लगाए जाने के मामले की जांच शुरू हो गई. हजारीबाग नगर निगम भी पूरे जोर-शोर से इस जांच को अभियान के तौर पर लिया. लोगों ने इस अभियान को सराहा भी कि नगर निगम ने आग के खतरे से बचने के लिए यह अच्छी पहल छेड़ी है. लेकिन नगर निगम को अपने भवन और वहां काम करनेवाले अधिकारियों व कर्मियों की जान की भी उतनी ही फिक्र होनी चाहिए, जितना वह दूसरों की सुरक्षा के लिए कर रहा है.
इन जगहों पर अग्निशमन यंत्र लगाने का दिया गया है निर्देश
नगर निगम की ओर से विभिन्न अस्पतालों, विद्यालयों, व्यवसायिक भवनों, होटलों आदि में अग्निशमन यंत्र लगाने का निर्देश दिया गया. इस संबंध में विभाग की ओर से आदेश पत्र निकाला गया है.
इस संबंध में नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त शताब्दी मजूमदार ने बताया कि नगर निगम का भवन पहले उस कैटेगरी में नहीं आता था और न ही उस तरह के भवन का कोई ढांचा था. इसलिए अग्निशमन यंत्र नहीं लगा. लेकिन यह भी बात सही है कि कानून का पालन सभी को करना चाहिए. जल्द प्रक्रिया के तहत नगर निगम में अग्निमशन यंत्र लगावाएंगे.