कमजोर मॉनसून का असर अब सीधे तौर पर राजधानी रांची के जलाशयों में पानी के भंडारण पर दिखने लगा है. इस बार रांची के तीनों डैम में अपेक्षित बहुत कम पानी का भंडारण हुआ है. सबसे खराब स्थिति शहर के 90 प्रतिशत से अधिक इलाके में वाटर सप्लाई करने वाले रुक्का डैम की है. जहां पर पिछले पांच सालों की तुलना में 1 सितंबर तक सबसे कम पानी का भंडारण हुआ है. इतना ही हटिया एवं गोंदा डैम में भी पानी का अपेक्षित कम भंडारण हुआ है. वाटर सप्लाई के लिहाज से स्थिति अच्छी नहीं है. दो महीने के सावन में मॉनसून बहुत कमजोर रहा. बहुत कम बारिश हुई. अगर यही हाल भादो का रहा, तो आने वाली गर्मी में इस बार भीषण जलसंकट के आसार बनते दिख रहे हैं. संभवत : जनवरी से ही जलसंकट की नौबत उत्पन्न हो जाएगी. यही हाल राज्य के अन्य जिलों के जलाशयों का भी है. इस बार किसी भी जलाशय से ओवर फ्लो की स्थिति उत्पन्न नहीं हुई और न फाटक खोलने की नौबत आई. अगर बारिश की बात करें तो ओवर ऑल झारखंड में 31 अगस्त तक 37 प्रतिशत और रांची में 40 प्रतिशत कम बारिश हुई है. यानी की वाटर सप्लाई के लिहाज से स्थिति अच्छी नहीं है.
रांची के तीनों डैम का पिछले 5 साल का जलस्तर (1 सितंबर, फीट में)
डैम – 2019-2020-2021-2022-2023 – क्षमता
रुक्का – 24.11-27.05-30.05-33.07-21.08 -36
हटिया – 15.09-26.05-32.10-35.00-25.02 -38
कांके – 18.07-26.05-27.02-27.09-16.03 -28 फीट
किस डैम से कहां-कहां कितनी होती है आपूर्ति
रुक्का डैम : शहर के सबसे बड़े इलाके में रुक्का से 32 से 35 एमजीडी पानी की आपूर्ति प्रतिदिन होती है. रुक्का से शहर के बूटी, इरबा, बरियातू, एमईएस नामकुम, एमईएस दीपा टोली, लोवाडीह, कांटा टोली, बहु बाजार, चर्च रोड, स्टेशन रोड, सिरम टोली, रातू रोड, पिस्का मोड़, हरमू चापू टोली, डीबडीह, पुदांग, अशोक नगर, हरमू, मधुकम, किशोर गंज, लालपुर, करम टोली मोरहाबादी, पहाड़ी मंदिर व आसपास के क्षेत्रों में आपूर्ति होती है. बतातें चलें कि रुक्का डैम से पूरी गर्मी वाटर सप्लाई के लिए 31 दिसंबर तक कम से कम 25 फीट पानी का भंडारण होना जरूरी है.
हटिया डैम : हटिया डैम से प्रतिदिन एचईसी कंपनी सहित धुर्वा, हटिया, बिरसा चौक, एचईसी आवासीय परिसर, हवाई नगर, शुक्ला कॉलोनी, डोरंडा, हीनू सहित आसपास के इलाके में प्रतिदिन 12 एमजीडी पानी की आपूर्ति होती है.