स्मृति शेष: दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि

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आज, झारखंड के गौरव, आदिवासी समाज के मसीहा और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री, दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी की स्मृति में आयोजित “संस्कार भोज” नेमरा, रामगढ़ में एक मार्मिक और भावपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ। इस अवसर पर केंद्रीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन के पैतृक आवास पर पहुंचे और गुरुजी की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नम आंखों से श्रद्धांजलि दी। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन और उनके परिवारजनों से मुलाकात कर अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं, जिसने इस दुख की घड़ी में परिवार को सांत्वना प्रदान की।

**”गुरुजी का व्यक्तित्व हर दिल को छूता था”** 
श्री राजनाथ सिंह ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा, “दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी से मेरी अनेक मुलाकातें हुईं, और हर बार उनकी सादगी, सहजता और विशाल व्यक्तित्व ने मुझे गहरे तक प्रभावित किया। वे न केवल आदिवासी समाज के लिए, बल्कि हर वर्ग के लिए एक सच्चे अभिभावक थे। उनकी कमी हम सभी के लिए अपूरणीय है। मैं अपनी ओर से और देश की ओर से उन्हें हृदय से श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।” उनकी ये बातें गुरुजी के प्रति उनके गहरे सम्मान और स्नेह को दर्शाती हैं।

**नेमरा में एकत्रित हुए देश के गणमान्य** 
इस भावपूर्ण अवसर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे, सांसद श्री पप्पू यादव, योग गुरु बाबा रामदेव और पूर्व राज्यसभा सांसद श्री आर.के. आनंद भी नेमरा पहुंचे। सभी ने स्मृति शेष गुरुजी की तस्वीर पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए और उनके द्वारा समाज के लिए किए गए अमूल्य योगदान को याद किया। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन और उनके परिजनों से मिलकर अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं, जिसने इस शोकाकुल क्षण में परिवार को ढांढस बंधाया।

गुरुजी की विरासत: एक अनमोल धरोहर
दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी का जीवन झारखंड और इसके लोगों के लिए एक प्रेरणा स्रोत रहा है। उनकी सादगी, संघर्ष और समर्पण की कहानी हर उस व्यक्ति को प्रेरित करती है, जो सामाजिक न्याय और समानता के लिए लड़ता है। आज का यह “संस्कार भोज” न केवल उनकी स्मृति को श्रद्धांजलि था, बल्कि उनके आदर्शों और मूल्यों को जीवित रखने का एक संकल्प भी था।

इस दुखद घड़ी में, गुरुजी की आत्मा को शांति और उनके परिवार को यह अपार दुख सहने की शक्ति मिले, यही हमारी प्रार्थना है।

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