राज्य में बढ़ते अपराध पर रोक लगाने के लिए बीते जून माह को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक उच्चस्तरीय बैठक की थी। बैठक में सरकार के बड़े अधिकारी सहित तमाम आला पुलिस अधिकारी उपस्थित थे। सीएम ने कहा था कि अपराध के चेहरे हर दिन बदल रहे हैं। नई चुनौतियां आपके सामने आ रही है। इतना ही नहीं भविष्य में भी कई नई चुनौतियां आएंगी। इससे निपटने की रणनीति के तहत अभी से एक्शन प्लान बनाने में जुट जाएं। इस प्लान को धरातल पर उतारने के लिए बीते दिनों कैबिनेट बैठक में एक अहम फैसले लिया गया है। फैसला कई जिलों में नए पुलिस थाना गठन को लेकर है। राज्य के जेलों के सुदृढीकरण पर सरकार विशेष काम कर रही है। इसके अलावा पुलिस कर्मियों के कल्याणकारी उपायों पर भी राज्य सरकार का विशेष जोर हैं।
चार जिलों में नए थाने बनाकर अपराध पर लगाम लगाने की तैयारी।
अपराध पर लगाने के लिए कैबिनेट में चार जिलों में नए थाने बनाया जाएगा। यह चार जिला रांची बोकारो, चाईबासा और साहिबगंज शामिल हैं। इसके अलावा कई टीपीओ गठन के प्रस्ताव पर स्वीकृति मिली है.
- रांची में विधानसभा थाना
- साहिबगंज में गंगा नदी थाना
- बोकारो में चीरा चास थाना
- चाईबासा में कुइसा व आराहासा में नया थाना।
वहीं, गिरिडीह में बरकट्ठा व गुनीयाथा और रांची में चामा व जरगा में आउट पोस्ट (ओपी) निर्माण के प्रस्ताव पर भी स्वीकृति प्रदान की गयी. साहिबगंज के जिरमाबाड़ी और रांची के राहे ओपी को थाना में उत्क्रमित किया जाएगा।
सुरक्षा के लिए कई भवनों के सुदृढ़ीकरण पर भी हेमंत सरकार का फोकस।
थानों की संख्या बढ़ाने के साथ हेमंत सरकार का विशेष फोकस सुरक्षा वाले कई भवनों के सुदृढीकरण पर भी है। बीते दिनों मुख्यमंत्री ने चाईबासा मंडल कारा और हजारीबाग गृह रक्षा वाहिनी भवनों के लिए करोड़ रुपए की स्वीकृति दी है। चाईबासा मंडल कारा भवन को 15.68 लाख की लागत से मजबूत किया जाएगा। इस राशि से जेल में दो वॉच टॉवर बनाये जायेंगे। इससे पहले जुलाई 2023 को 55.24 लाख की लागत से जेल के मुख्य द्वार पर घेराबंदी की गयी थी। चार करोड़ रुपए की लागत से हजारीबाग जिले में गृह रक्षा वाहिनी के भवनों की मरम्मत का कार्य किया जाएगा।
हजारीबाग में बनने जा रहा राज्य का पहला हाई सिक्योरिटी स्पेशल जेल।
राज्य का पहला हाई सिक्योरिटी स्पेशल जेल हजारीबाग में खोला जाएगा। जिले के 25 एकड़ भूभाग में स्पेशल जेल को बनाया जाएगा। यह जेल पूरी तरह से सुरक्षा के पैमाने पर खरा होगा। यहां पर पूरी सुरक्षा में हार्डकोर व कुख्यात उग्रवादी अपराधी एवं आतंकवादी को रखा जा सकेगा। जेल के काराधीक्षक, जेलर भी अलग होंगे। सारी व्यवस्थाएं अलग होगी। जेल में प्रशासनिक भवन अधिकारी व कर्मियों के लिए रेजिडेंशियल आवास भवन का निर्माण किया जाएगा।