सीएसआईआर-राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला (एनएमएल) अपने तकनीकी नवाचारों और उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिए 24 अप्रैल से 28 अप्रैल तक एक सप्ताह एक प्रयोगशाला (ओडब्ल्यूओएल) कार्यक्रम का आयोजन किया कार्यक्रम अभियान के अंतिम दिन ‘शिक्षात्मक बैठक’ का उद्घाटन बीआईटी मेसरा के कुलपति और आईआईटी, कानपुर के पूर्व निदेशक प्रोफेसर इंद्रनील मन्ना ने किया. इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए प्रोफेसर इंद्रनील मन्ना ने “धातुकर्म और सामग्री विज्ञान में प्रमुख चुनौतियों” विषय पर अपना महत्वपूर्ण व्याख्यान दिया. उन्होंने बुनियादी ढांचे, विमानन, ऊर्जा, ऑटोमोबाइल क्षेत्रों आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में भौतिक मुद्दों से संबन्धित क्षेत्रों पर एक सिंहावलोकन प्रस्तुत किया. उन्होंने इसके अंतराल और भविष्य की आवश्यकताओं को भरने हेतु की जाने वाली प्रगति पर काफी जोर दिया.
दर्जनभर कॉलेज के छात्रों ने की शिरकत
जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय, अर्का जैन विश्वविद्यालय, केंद्रीय विश्व विद्यालय झारखंड रांची, जमशेदपुर सहकारी कॉलेज, आरवीएस कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंडटेक्नोलॉजी, एनआईटी जमशेदपुर, ग्रेजुएट कॉलेज, करीम सिटी कॉलेज जैसे 10-11 कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के लगभग 80-90 छात्र और 25-30 संकाय बैठक में शामिल हुए. बैठक का मुख्य उद्देश्य कॉलेज, विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संगठनों के बीच संबंधों को मजबूत करने हेतु अकादमिक को प्रोत्साहित करना तथा सीएसआईआर-एनएमएल झारखंड एवं आसपास के राज्यों के शिक्षाविदों की मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. कार्यक्रम के अंतराल के बाद तीन व्याख्यान दिए गए, जिसमें धातुकर्म अनुसंधान में भविष्य के दिशा निर्देश, राष्ट्र के विकास के लिए संभावित ऊर्जा सामग्री और दशकों और सदियों से धातु/मिश्र धातु के विकास की यात्रा के बारे में विस्तार से बताया गया है. कार्यक्रम के अंत में पैनल चर्चा और पोस्टर सत्र भी आयोजित किया गया.