जनजातीय समाज के खिलाफ अमर्यादित भाषा बोलना और अमानवीय यातनाएं देना भाजपा नेताओं का चाल और चरित्र बन गया है।

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रांची। ऐसा लगता है आदिवासियों को अपमानित करना भाजपा की आदत बन चुकी है। यह हम नहीं बल्कि पुराने रिकॉर्ड कह रहे हैं। कभी झारखंड की प्रमुख राजनीति घरानों में से एक सोरेन परिवार के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी, तो कभी जनजातीय महिला पर अमानवीय कार्रवाई तो कभी यौन शोषण में भाजपा नेता आगे ही रहे हैं। पिछले दिनों इनके करतूतों में पेशाब कांड भी चर्चा में आया था। अब इस कड़ी में एक ताजा प्रकरण भी जुड़ गया है जो सीधे-सीधे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी का है। हालांकि सोरेन परिवार के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी कोई पहली बार नहीं हुई है। हर बार भाजपा नेता ऐसा करते रहे हैं।

बाबूलाल पर केस, इससे पहले रघुवर भी कर चुके हैं जाति सूचक शब्द का उपयोग।

झारखंड प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी पर रांची के कांके थाना में मामला दर्ज हुआ है। शिकायतकर्ता का आरोप हैं कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और सांसद शिबू सोरेन के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की है। भाजपा नेता द्वारा गलत बयानबाजी से सोरेन परिवार के खिलाफ द्वेष उत्पन्न किया जा रहा है।

कभी रघुवर दास कर चुके हैं जातिसूचक शब्द का उपयोग, तब हेमंत सोरेन ने दिखाया था बड़ा दिल।

इससे पहले विधानसभा चुनाव 2019 के पहले भाजपा नेता सह पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी सोरेन परिवार पर जातिसूचक शब्द का इस्तेमाल किया था। तब तत्कालीन विपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने रघुवर दास के खिलाफ एसटी-एससी धारा के तहत जामताड़ा जिला के मिहिजाम थाना में केस दर्ज कराया था। चुनाव बाद जब झामुमो नेतृत्व गठबंधन सरकार सत्ता में आयी तो हेमंत सोरेन ने बड़ा दिल दिखाते हुए केस वापस ले लिया था। मुख्यमंत्री ने कहा था कि उनके दिल में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ कोई द्वेष या बदले की भावना नहीं है।

जनजातीय महिला के साथ बेरहमी से पिटाई की और गैर-मानवीय काम कराने का प्रकरण।

झारखंड की एक जनजातीय महिला के साथ भाजपा नेत्री द्वारा बेरहमी से पिटाई और गैर – मानवीय काम करने का भी प्रकरण भी सामने आया। महिला नेत्री का नाम सीमा पात्रा था। वहीं, पीड़िता भाजपा नेत्री के घर पर आदिवासी घरेलू सहायिका थी। सीमा पात्रा पर आरोप लगा कि वो अपनी घरेलू सहायिका के साथ पिछले आठ सालों से अत्याचार कर रही थी। उसके पूरे शरीर पर गंभीर घाव और जलने के निशान थे। वह अत्यधिक कुपोषित लग रही थी, मानो पीड़िता कई दिनों से भूखी थी। उसे कथित तौर पर पेशाब चाटने के लिए मजबूर करने का आरोप लगा। पीड़िता जब हॉस्पिटल पहुंची तो उसके दांत गायब थे। उसे कथित तौर पर लोहे की रॉड से मारा गया था।

बाबूलाल के राजनीतिक सलाहकार पर आदिवासी युवती के साथ यौन शोषण का आरोप।

बाबूलाल मरांडी के राजनीतिक सलाहकार सुनील तिवारी पर भी आदिवासी युवती के साथ यौन शोषण सहित दुष्कर्म, गाली-गलौज और जातिसूचक शब्दों से संबोधित करने के अलावा धमकी देने का आरोप लगा था। रांची के अरगोड़ा थाना में केस दर्ज किया गया था। मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा। यौन शोषण मामले में आरोपी सुनील तिवारी को हाईकोर्ट ने बाद में सशर्त जमानत दी। शर्त में इसका जिक्र था कि वे झारखंड से बाहर रहेंगे और जांच के लिए बुलाए जाने पर राज्य लौटेंगे।

पेशाब कांड प्रकरण से भी जनजातीय समाज को किया गया अपमानित।

झारखंड ही नहीं अन्य राज्यों में भी भाजपा नेता जनजातीय समाज को अपमानित करने में आगे रहे हैं। बीते दिनों मध्यप्रदेश के सीधी में घटी पेशाब कांड प्रकरण पूरे देश में चर्चा का केंद्र बिंदु बना। सीधे-सीधे इसमें भाजपा के एक कार्यकर्ता का नाम सामने आया। तब देश के तमाम दिग्गज राजनेताओं ने कहा था कि भाजपा द्वारा आदिवासियों को अपमानित करने वाली घटनाओं की निंदा करते हैं।

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