इसके साथ ही रांची क्लाइमेट एक्शन प्लान’ और ‘सरफेस-लेवल अर्बन हीट आइलैंड इफेक्ट इन झारखंड’ का विमोचन किया. इस मौके पर रांची विधायक सीपी सिंह ने कहा कि रांची जो कभी हरियाली और सुहावने मौसम के लिए जानी जाती थी, आज जलवायु संकट झेल रही है. शहरी विकास और पर्यावरण विभागों को मिलकर स्थानीय स्तर पर ठोस समाधान लागू करना होगा.
कार्यक्रम में सचिव अबूबकर सिद्दीख (IAS) ने कहा कि राज्य सरकार क्लाइमेट अथॉरिटी और ग्रीन बजटिंग की दिशा में बढ़ रही है. वहीं प्रधान मुख्य वन संरक्षक अशोक कुमार (IFS) ने कहा कि यह रिपोर्ट झारखंड स्टेट एक्शन प्लान ऑन क्लाइमेट चेंज और रांची मास्टर प्लान 2037 के अनुरूप है. रांची क्लाइमेट एक्शन प्लान’ में पहली बार वार्ड स्तर पर जलवायु जोखिमों का मूल्यांकन किया गया है, जबकि अर्बन हीट आइलैंड रिपोर्ट’ ने रांची, जमशेदपुर, बोकारो, धनबाद और हजारीबाग में तापमान वृद्धि और शहरीकरण के असर का विश्लेषण किया है.
