चमरा के मुकाबले लोबिन पर कड़ा एक्शन, छह वर्ष के लिए निष्कासित, सीता भी निष्कासित

रांची न्यूज़
Spread the love

झारखंड मुक्ति मोर्चा ने फिर वही काम किया है. पार्टी ने राजमहल से पार्टी एवं गठबंधन के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ने, गठबंधन धर्म के विपरीत कार्य करने एवं पार्टी के कार्यकर्ताओं को दिग्भ्रमित करने का कारण बताते हुए पार्टी के विधायक लोबिन हेंब्रम पार्टी को प्राथमिक सदस्यता से छह वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया है. यह पत्र पार्टी केंद्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन के हस्ताक्षर से जारी किया है. जबकि यही अपराध पार्टी विधायक चमरा लिंडा ने भी किया था. उन्हें पार्टी से केवल निलंबित किय गया था. इनके निलंबन का पत्र पार्टी महासचिव विनोद कुमार पांडेय ने पार्टी केंद्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन के निर्देश पर सात मई को जारी किया था. बसंत लौंगा और चमरा लिंडा पर अलग-अगल कार्रवाई पर जब पार्टी महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने उस समय पूछा गया तो उन्होंने लॉजिक दिया था कि बसंत लौंगा चूंकि पार्टी पदाधिकारी हैं, जबकि चमरा लिंडा विधायक, इसलिए उन पर अंतिम निर्णय विधायक दल ही लेगा. अब सवाल उठता है कि क्या लोबिन हेंब्रम विधायक नहीं हैं. क्या दोनों विधायकों पर अलग-अगल नियम लागू होता है.

सीता सोरेन भी पार्टी से निष्कासित

इधर पार्टी ने भाजपा में शामिल हो चुकीं और दुमका से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ रहीं सीता सोरेन पर भी कार्रवाई की है. पार्टी केंद्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन द्वारा जारी पत्र में उन्हें पार्टी से छह वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया गया है. पार्टी द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि 19 मार्च को आपने (सीता सोरेन) पार्टी एवं पार्टी के वरीय नेताओं पर आधारहीन गंभीर आरोप लगाते हुए आपके द्वारा पार्टी के प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देते हुए इसे स्वीकार करने का अनुरोध किया था. आपने दुमका लोकसभा सीट से नामंकन भी किया है. उक्त दोनों घटनाक्रम यह दर्शाता है कि आपके पूर्वनिर्धारित मंशा पार्टी विरुद्ध चुनाव लड़ने के लिए आपके द्वारा पार्टी एवं पार्टी के वरीय नेताओं पर आधारहीन आरोप लगाया जाता रहा है. अत: आपको पार्टी के सभी पदों से पदमुक्त करते हुए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह वर्ष के लिए निष्कासित किया जाता है.

री लड़ाई झारखंड और झारखंडियों के लिए, पार्टी का बंधन रोक नहीं सकता : लोबिन

शुभम संदेश से पार्टी से निष्कासित किए जाने के सवाल पर कहा कि पार्टी ने आपना काम किया है. मेरी लड़ाई राज्य के आदिवासी-मूलवासियों के हक और आधिकार के लिए जारी रहेगा. हमने संथाल परगना में हो रही लूट को लेकर अक्सर आवाज उठाई है. जिसे पार्टी ने दबाने का काम किया है. उन्होंने कहा कि विजय हांसदा किसी भी कीमत में विजयी नहीं होंगे. उन्होंने राजमहल के लिए कुछ नहीं किया. केवल व्यापार किया. हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद बसंत सोरेन को मौका मिलना चाहिए था.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *