मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मणिपुर में भड़की जातीय हिंसा में फंसे झारखंड के छात्रों को एयरलिफ्ट करके लाया । इस निर्देश पर अमल भी हुआ। इससे पहले राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष – कंट्रोल रूम में मणिपुर में फंसे झारखंड के कुल 34 लोगों की सूची प्राप्त हुई है। ये सभी विभिन्न विश्वविद्यालयों में अध्ययन करनेवाले छात्र थे। मालुम हो की कर्नाटक चुनाव के बीच मणिपुर में प्रायोजित हिंसा जारी है. वहां के आदिवासी अपने अस्तिव के बचाव में संघर्ष कर रहे हैं. ऐसे में अन्य राज्यों के छात्रों व प्रवासी मजदूरों में डर की स्थिति बनी हुई है. झारखण्ड के सीएम हेमन्त सोरेन के द्वारा भी तत्काल अपने लोगों की सकुशल वापसी कराने का निर्णय लिया गया है. इस कड़ी में प्राथमिकता के आधार पर पहले चरण में झारखंड के 21 छात्र- छात्राओं की सकुशल झारखण्ड वापसी हुई है. सभी छात्रों ने सीएम को धन्यवाद कहा है.झारखण्ड के 20 वर्षों के इतिहास में पहली बार सीएम हेमन्त सोरेन के कार्यकाल में जनता को राज्य का धरोहर समझा गया है. सीएम हेमंत सोरेन ने राज्य की जनता को झारखण्ड की सम्पति मानने की नीति पर आगे बढ़े हैं. हिंसाग्रस्त मणिपुर में फंसे झारखंड के 4 विद्यार्थी मंगलवार 9 मई को पटना हवाई अड्डे पर उतरे. पटना एयरपोर्ट पर लैंड करते ही विद्यार्थियों ने सबसे पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को थैंक्स कहा. फिर झारखंड सरकार की ओर से उपलब्ध कराए गए वॉल्वो बस से रांची के लिए रवाना हुए. पटना हवाई अड्डे पर उतरने के बाद बोकारो की छात्रा सौम्या सलोनी ने बताया कि 24 घंटे के अंदर झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने त्वरित गति से कार्यवाही की और उनकी सकुशल वापसी कराई. उन्होंने बताया कि 7 मई की रात को बोकारो डीसी कुलदीप चैधरी से बात की. डीसी ने उनके मामले पर तुरंत संज्ञान लिया. 8 मई को मुख्य सचिव से डीसी ने बात कर आगे की कार्यवाही की जानकारी दी. सभी विद्यार्थियों के डिटेल जानकारी मांगी गई. मणिपुर के अलग-अलग कॉलेजों में पढ़ाई कर रहे झारखंड के सभी विद्यार्थियों का व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया और सामूहिक रूप से जानकारी दी गई. रात को ही सभी को विमान से पटना और वहां से रांची लौटने की जानकारी मिल गई थी. मंगलवार 9 मई की सुबह सभी विद्यार्थियों को विमान से पटना पहुंचाया गया. विमान में बिहार के 147 और झारखंड के 22 विद्यार्थी थे. पटना उतरने के बाद झारखंड सरकार ने वोल्वो बस और अधिकारी को तैनात कर रखा था. बस में नास्ता का भी इंतजाम किया गया था. सौम्या सलोनी ने बोकारो डीसी को भी धन्यवाद दिया है.।इस पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि वेलकम सौम्या, आप सकुशल घर पहुंचें, यही कामना करता हूं.