लैंड स्कैम : ईडी ऑफिस पहुंचे सब रजिस्ट्रार वैभव मणि त्रिपाठी, पूछताछ शुरू

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Ranchi : जमीन घोटाला मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जांच कर रही है. इस मामले में ईडी के रांची जोनल ऑफिस में सोमवार को रांची सदर के सब रजिस्ट्रार वैभव मणि त्रिपाठी पहुंचे. जिसके बाद ईडी के अधिकारियों के द्वारा इनसे पूछताछ शुरू कर दी गई है. सब रजिस्ट्रार के एडिशनल रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस कोलकाता त्रिदिप मिश्रा से कल (दो मई) को पूछताछ होगी. इसके बाद चार मई को रांची के पूर्व डीसी आइएएस छवि रंजन से  और आठ मई को व्यवसायी विष्णु अग्रवाल से ईडी पूछताछ करेगी.

लिखित शिकायत के बाद हो रही कार्रवाई

जानकारी के मुताबिक आर्मी लैंड स्कैम में पूछताछ के क्रम में शहर के कई इलाके से लगभग 22 लोगों ने फर्जी तरीके से जमीन बेचे जाने की लिखित शिकायत ईडी से की थी. तब ईडी ने शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए जांच की.

13 अप्रैल से ईडी कर रही कार्रवाई

रांची में जमीन घोटाले से जुड़े मामले की जांच ईडी 13 अप्रैल से कर रही है.13 अप्रैल को ईडी ने आईएएस अधिकारी छवि रंजन, अंचल अधिकारी मनोज कुमार सहित जमीन के कारोबार से जुड़े 18 लोगों के कुल 21 ठिकानों पर छापा मारा था. छापामारी के दायरे में झारखंड के 18, बिहार के एक और पश्चिम बंगाल के दो ठिकाने शामिल हैं.

सात लोगों को गिरफ्तार भी किया गया

आर्मी जमीन घोटाले से जु‌ड़े मामले में ईडी ने सात लोगों को गिरफ्तार भी किया है, सभी से पूछताछ की जा रही है. ईडी ने तीन दिन और पांच दिन की रिमांड लेकर तीन राउंड में पूछताछ कर ली है. सात आरोपियों में आरोपी फैयाज खान को कोर्ट ने जेल भेज दिया गया है. इसी मामले में आइएएस छवि रंजन से पूछताछ की जा चुकी है.

गिरफ्तार आरोपियों ने छवि रंजन को बताया मास्टरमाइंड

पूर्व में गिरफ्तार सातों आरोपितों ने ईडी की पूछताछ में छवि रंजन के सामने ही स्वीकार कर लिया कि इस पूरे जमीन घोटाले का मास्टरमाइंड छवि रंजन हैं. उनके कहने पर ही जमीन कारोबारियों ने जालसाजी की, कोलकाता रजिस्ट्री कार्यालय के पदाधिकारियों की भूमिका इसलिए संदेह के घेरे में है कि वहां के रजिस्ट्री कार्यालय से ही मूल डीड निकालकर आरोपितों ने उसमें जाली कागजात लगाया, मूल दस्तावेज में छेड़छाड़ की.

कोलकाता से फर्जी दस्तावेज बनाकर की गई गड़बड़ी

रांची में सेना की जमीन की खरीद-बिक्री में कोलकाता से फर्जी दस्तावेज बनाकर की गई गड़बड़ी की जांच में ईडी आगे बढ़ी तो रांची में सैकड़ों एकड़ जमीन की डील में फर्जीवाड़ा सामने आ गया है. रांची में एक गिरोह सक्रिय है, जो कोलकाता जाकर रांची की जमीन का फर्जी पेपर तैयार करता है, उसकी रजिस्ट्री कोलकाता में ही करायी जाती है. इसके बाद कौड़ियों की जमीन को करोड़ों में बेचा जाता है. इस पूरे फर्जीवाड़े में आला अधिकारियों के साथ-साथ अंचल अधिकारी, राजस्व कर्मचारियों की बड़ी भूमिका होती है. वहीं ईडी ने जांच में पाया है कि जमीन घोटाला कर सरकारी अफसरों, कर्मियों के साथ-साथ माफियाओं ने अरबों की कमाई की.

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