बिहार के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव सीबीआई मुख्यालय पहुंच गये हैं. आज सीबीआई के अधिकारी तेजस्वी यादव से जमीन के बदले नौकरी मामले में पूछताछ करेंगे. सीबीआई ने तेजस्वी यादव को तीन बार समन भेजा था. लेकिन वो पेश नहीं हुए थे. तेजस्वी यादव को 11 मार्च को पूछताछ के लिए बुलाया गया था. लेकिन उन्होंने पत्नी के अस्पताल में भर्ती होने का हवाला दिया था. इससे पहले 4 फरवरी को भी सीबीआई ने तेजस्वी यादव को समन भेजा था.
दिल्ली हाई कोर्ट ने 25 मार्च को सीबीआई के सामने पेश होने का दिया था आदेश
बता दें कि सीबीआई ने तेजस्वी यादव को नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में तीन बार समन भेजा था. लेकिन वो पेश नहीं हुए हैं. इसके बाद तेजस्वी यादव ने सीबीआई के समन को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. इस मामले में 16 मार्च को सुनवाई हुई थी. दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा की बेंच ने तेजस्वी यादव को 25 मार्च को सीबीआई के सामने पेश होने का आदेश दिया था.
सीबीआई ने कोर्ट को दिलाया भरोसा, तेजस्वी को नहीं करेंगे गिरफ्तार
सीबीआई के समन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान तेजस्वी के वकील ने कहा था कि जांच के बहाने बुलाकर सीबीआई गिरफ्तार करना चाहती है. भोला यादव को पूछताछ के लिए बुलाकर गिरफ्तार कर लिया था. जिसके बाद सीबीआई ने कोर्ट को भरोसा दिलाया था कि वह तेजस्वी यादव को गिरफ्तार नहीं करेंगे. इस शर्त पर तेजस्वी यादव ने 25 मार्च यानी आज सीबीआई के सामने पेश होने का भरोसा दिलाया था.
लालू ने रेल मंत्री रहते हुए नौकरी के बदले लिखवा लीं जमीन
सीबीआई का आरोप है कि 2004 से 2009 के दौरान लालू यादव के रेल मंत्री रहते हुए नौकरी के बदले कथित जमीन घोटाला हुआ था. इस दौरान लालू यादव ने पटना के 12 लोगों को ग्रुप डी में चुपके से नौकरी दी और उनसे अपने परिवार के लोगों के नाम पटना में जमीनें लिखवा लीं. सीबीआई का दावा है कि लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती और हेमा यादव के नाम प्लॉट्स की रजिस्ट्री करायी गयी और जमीन की मामूली कीमत नकद में चुकायी गयी. उधर रेलवे में जिन पदों पर भर्ती हुई, उसका न तो विज्ञापन निकाला गया और न ही सेंट्रल रेलवे को सूचना दी गयी. आवेदन देने के 3 दिन के अंदर नौकरी दे दी गयी.