रांची। हमारे देश में एक कहावत है कि जिसे शराब और जुए की लत लग जाए वो खुद तो बर्बाद होता ही है, साथ – साथ अपना पूरा परिवार भी बर्बाद कर देता है। शराब का सेवन करने वाला व्यक्ति अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा तक खोता देता है। ऊपर से शराब पीने या बेचने वाला व्यक्ति गरीब हो, तो फिर उसके घर – परिवार का सुख – चैन छीनने से कोई नहीं बचा सकता। इस सच से सभी कोई वाकिफ है, लेकिन शायद झारखंड भाजपा के नेता नहीं। झारखंड के आदिवासियों को हमेशा धोखे में रखने वाले भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने घोषणा किया है कि उनकी पार्टी की सरकार बनी तो सड़क किनारे बैठकर हड़िया बेचनेवाली महिलाओं को शराब की दुकान दिया जाएगा। इन महिलाओं में आदिवासी महिलाओं की संख्या ज्यादा हैं। लगता है कि भाजपा नेता के अंदर थोडी सी भी शर्म नहीं बची है। एक तरफ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जहां इन आदिवासी महिलाओं को हड़िया बेचने के व्यापार से हटाकर सम्मान की जिंदगी देना चाह रहे हैं, तो भाजपा नेता इन्हें शराब दुकान देने की बात कर रहे हैं। मतलब साफ है कि आदिवासी महिला तो बर्बाद हो ही, साथ ही उसका पूरा परिवार ही बर्बाद हो जाए।
भाजपा की सरकार बनी, तो हड़िया बेचनेवाली महिलाओं को शराब की दुकान।
अपनी संकल्प यात्रा को लेकर बीते दिनों महेशपुर विधानसभा क्षेत्र के यज्ञ मैदान, पाकुड़िया में एक जनसभा को संबोधित करते हुए बाबूलाल मरांडी ने शराब दुकान से जोड़ने की घोषणा की। उन्होंने कहा, झारखंड में भाजपा की सरकार बनी, तो भाजपा सरकार हड़िया बेचनेवाली महिलाओं को शराब की दुकान देगी। यह वहीं भाजपा है, जो गुजरात राज्य में शराबबंदी की घोषणा कर झारखंड में गुजरात मॉडल की बात करते है। भाजपा नेता की घोषणा से एक बात साबित होती है कि गुजरात के लोग शराब से मुक्त हो लेकिन झारखंड के नहीं।
महिलाओं का सशक्तीकरण कैसे किया जाए इसके लिए हेमंत सरकार ले कर आयी ‘फूलो झानो आशीर्वाद अभियान’।
बता दें कि झारखंड के विभिन्न जिलों में सड़क किनारे हड़िया (एक तरह का शराब) बेचते महिलाएं दिख जाती है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन चाहते थे कि इन महिलाओं को सम्मान की जिंदगी देकर स्वरोजगार से जोड़ा जाए। इसके लिए उन्होंने संथाल की वीर वीरंगनाओं ‘फूलो और झानो’ के नाम पर एक योजना की शुरूआत करवायी। योजना का नाम रखा गया – ‘फूलो झानो आशीर्वाद अभियान’। हेमंत सरकार की कोशिश रही है कि महिलाओं का सशक्तीकरण कैसे किया जाए। इसके लिए फूलो झानो अभियान लाया गया। अभियान के तहत हड़िया बेचने वाली महिलाओं को ब्याज मुक्त लोन दिया जाता है ताकि उन्हें सम्मानजनक आजीविका का साधन मिल सके। योजना का लाभ लेकर कई महिलाएं अपने आत्मविश्वास की बदौलत बदलाव की कहानी गढ़ रही है।
हेमंत चाहते हैं कि घर बचे, भाजपा नेता की तोड़ने की चाहत।
एक आकंड़ा के मुताबिक पिछले तीन सालों में राज्य की 30,000 से अधिक महिलाओं को हड़िया-शराब निर्माण और बिक्री काम छोड़कर स्वरोजगार और सम्मानजनक आजीविका से जोड़ा गया है। ऐसी महिलाएं न केवल खुद रोजगार से जुड़ीं, दूसरी महिलाओं के लिए भी एक प्रेरक की तरह काम कर रही हैं। यानी हेमंत सरकार इन महिलाओं के घर टूटने से बचा रही है, तो वही भाजपा नेता की चाहत हैं कि महिलाओं का घर फिर से टूटे।