हेमंत सरकार की चिट्ठी का हुआ असर नींद से जागा केंद्र

झारखण्ड
Spread the love


सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल बनाने के फैसले को केंद्र सरकार ने रोका

केंद्र सरकार द्वारा सम्मेद शिखरजी पर्वत क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय महत्व वाला पर्यटन स्थल घोषित किए जाने के खिलाफ जैन समाज लगातार प्रदर्शन कर रहा था, ज्ञात हो कि 2018 में रघुबर सरकार ने पारसनाथ सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल बनाने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा था जिसके बाद केंद्र द्वारा गजट जारी कर सम्मेद शिखर को इको सेंसेटिव जोन घोषित किया था , जिसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार के इस निर्णय के खिलाफ केंद्र को चिट्ठी लिखी और कहा कि पारसनाथ सम्मेद शिखर पौराणिक काल से ही जैन अनुयाइयों के लिए पूजनीय तीर्थस्थल रहा है और जैन धर्म के 24 तीर्थकरों में से 20 तीर्थंकरों ने निर्वाण प्राप्त किया है I इस स्थल में विश्व के कोने कोने से जैन धर्म को मानने वाले तीर्थ करने आते है I इसी कारण से झारखण्ड पर्यटन नीति के आधार पर इस जगह को तीर्थ स्थल मानते हुए तीर्थ स्थल के रूप में विकसित करने का उल्लेख है I पूर्व में भी इस स्थल की पवित्रता के अक्षुण्ण रखने के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रतिबद्धता जारी किया गया था I वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा उक्त स्थल की पवित्रता और सुचिता को बनाए रखने के लिए पुलिस गशती बढ़ा दी गई है ताकि इस जगह की शुद्धता बरकरार रहे I भारत सरकार की जारी किए गए अधिसूचना के खिलाफ कई जैन अनुयाइयों ने इस स्थल की पवित्रता और सुचिता बनाए रखने के लिए आवेदन प्राप्त हुआ है I और राज्य सरकार इस दिशा में कटिबद्ध है कि इस जगह की पवित्रता जैन अनुयाइयों के भावनाओ के अनुरूप बरकरार रखी जायेगी I

मुख्यमंत्री के इस चिट्ठी के जवाब में अब केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला किया है. केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया है कि पर्यटन, इको टूरिज्म गतिविधियों पर तत्काल रोक लगा दी गई है. उन्होंने ये भी बताया कि पारसनाथ क्षेत्र में शराब, तेज आवाज में गाने और मांस की बिक्री पर भी पाबंदी लगाई जा रही है. इस फैसले के बाद जैन समाज ने खुशी जताई है और सरकार का आभार जताया है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *