भारत जोड़ो यात्रा की पहली वर्षगांठ में रांची में फिर से निकल गया

रांची न्यूज़
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भारत जोड़ो अभियान की शुरुआत भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं सांसद राहुल गांधी और तमिल नाडु के मुख्यमंत्री मुथुवेल करुणानिधि स्टालिन द्वारा 7 सितंबर, 2022 को कन्याकुमारी में लॉन्च किया गया था। इसे मूल्य वृद्धि, बेरोजगारी, राजनीतिक केंद्रीकरण और विशेष रूप से “भय, कट्टरता” की राजनीति और “नफरत” के खिलाफ लड़ने के लिए बनाया गया था। भारत जोड़ो यात्रा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा शुरू किया गया एक जन आंदोलन है जिसका उद्देश्य नई दिल्ली में भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की कथित विभाजनकारी राजनीति के खिलाफ देश को एकजुट करना है। ठीक एक साल पहले इसी दिन, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तमिलनाडु के कन्याकुमारी से जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर तक अपनी 136 दिवसीय, 4,000 किलोमीटर से अधिक की यात्रा शुरू की थी। कांग्रेस और राहुल क्या हासिल करने में कामयाब रहे और इसका 2024 के लोकसभा चुनावों पर क्या प्रभाव पड़ेगा, इस पर जूरी तैयार नहीं है।
अपनी 136 दिवसीय, 4,000 किलोमीटर से अधिक की यात्रा शुरू की थी। भारत जोड़ो यात्रा, जिसके बारे में कांग्रेस का मानना है कि देश में राजनीतिक निराशा दूर हुई और उम्मीद जगी कि नरेंद्र मोदी सरकार का प्रभावी ढंग से मुकाबला किया जा सकता है, पिछले साल 7 सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू हुई थी। पार्टी पूरे देश में 722 भारत जोड़ो यात्राएं आयोजित करेगी।
गौरतलब है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी कन्याकुमारी से कश्मीर तक के लिए पदयात्रा किया हैं । 150 दिनों तक चलने वाली ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के जरिए राहुल गांधी सियासी समीकरण को साधने की कवायद कर रहे हैं, जिसके लिए कई अनोखे नजारे भी देखने को मिल रहे हैं. इस दौरान राहुल रास्ते में चाय की दुकानों पर छोटे-छोटे समूहों में शामिल हो जाते हैं और उनसे बातें करते हैं. वह विक्रेताओं, दुकानदारों, युवाओं, उत्साहित स्कूली बच्चों, छोटे बच्चों, स्थानीय ग्रामीणों के साथ सहज रूप से मिलते हैं। राहुल गांधी देश की सड़कों पर समर्थकों के साथ पैदल चल चुके हैं । इस दौरान राहुल गांधी में कोई थकान नहीं दिख रही है. राहुल गांधी अपनी यात्रा को लेकर काफी प्रतिबद्ध दिखे. राहुल गांधी को यह अवसर जो एक मेगा वॉकथॉन प्रदान कर रहा है.
भारत जोड़ो यात्रा के जरिए राहुल हर रोज लोगों के सामने आ रहे आए, जो उनके राजनीतिक भविष्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। यानि भारत की जनता. राहुल उनके जीवन, उनकी कई समस्याओं और उनकी आकांक्षाओं को समझने की कोशिश की हैं. और वह लोगों से लगातार रूबरू हुए हैं.
कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा को (7 सितंबर) को एक साल पूरा हो गया. इस मौके पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा की पहली वर्षगांठ है. राहुल गांधी की ये यात्रा अभी समाप्त नहीं हुई है. ये यात्रा कभी मणिपुर में दिखाई देती है, तो कभी आजादपुर सब्जी मंडी में और लद्दाख में नजर आती है.
पवन खेड़ा ने भारत या इंडिया नाम के विवाद पर कहा कि ऐसी ताकतें हैं जो अखंड भारत को पसंद नहीं करतीं और इंडिया और भारत के बीच दरार पैदा करने की कोशिश कर रही हैं. हर देशवासी जानता है कि ये ताकतें कौन हैं. ये भारत को इंडिया से लड़ा रहे हैं. सोना हो या गोल्ड, हिंदी में बोलो या अंग्रेजी में कीमत नहीं बदल जाएगी. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों सुनने में आया कि विदेशों की यूनिवर्सिटी में भारत जोड़ो यात्रा पर पीएचडी हो रही है. लोग जानना चाहते हैं कि किस तरह ये यात्रा निकाली गई, इसके क्या मायने थे. भारत जोड़ो यात्रा का इतिहास स्याही से नहीं लिखा जा सकता. ये पसीने से लिखा गया है. ये तीर्थ यात्रा कभी खत्म नहीं होती. कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि काफी षड्यंत्र हो रहे हैं, यात्रा के समय भी हुए थे. इसे विफल करने के काफी कोशिश की गई. मीडिया को इसे दिखाने से रोकने का षड्यंत्र रचा गया, लेकिन मीडिया ने यात्रा को दिखाया. ये लोग यात्रा को न विफल कर पाए, न कर पाएंगे.
राहुल गांधी की कन्याकुमारी से कश्मीर तक निकाली गई ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का एक साल पूरा हो गया. राहुल गांधी ने बीते साल सात सितंबर को कन्याकुमारी से यात्रा की शुरुआत की थी. 145 दिन तक चली 4000 किमी लंबी इस यात्रा का अंत 30 जनवरी को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में हुआ था. जब ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की पहली वर्षगांठ पूरे देश में कांग्रेस धूमधाम से मना रही है तो इस मौके पर यात्रा के शिल्पकार रहे राहुल गांधी यूरोप के ब्रूसेल्स, फ्रांस और हॉलैंड में ओवरसीज कांग्रेस के तले वैश्विक स्तर पर इंडिया की आवाज़ को नया आयाम देने में जुटे हैं.
साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद जब देश में ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ के राजनीतिक सुर बांग देने लगा था, जब बतौर विपक्ष कांग्रेस को लेकर राजनीतिक सवाल उठने लगा था. ऐसे समय में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ ने राहुल गांधी को विपक्ष के नेता पर स्थापित करने में कुछ हद तक सफलता पाई. ‘भारत जोड़ो यात्रा’ ने उससे भी कहीं ज्यादा कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व / आलाकमान की आम कार्यकर्ता और नेताओं की बीच बढ़ी दूरी को कम करने में बड़ी भूमिका निभाई. एक साल पूरा होने पर राहुल गांधी का राजनीतिक संदेश देश से नफ़रत मिटने तक उनकी यात्रा अनवरत जारी रहेगी. इसी ओर इशारा करती है. आने वाले चुनावों में यह देखना दिलचस्प होगा कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ वाले राहुल गांधी किस हद तक इनमें सफल होंगे. भारत जोड़ो यात्रा के एकता और मोहब्बत की ओर करोड़ों कदम, देश के बेहतर कल की बुनियाद बने हैं। यात्रा जारी है – नफ़रत मिटन तक, भारत जुड़ने तक। ये वादा है मेरा! राहुल गांधी ने खुद भारत जोड़ो यात्रा के एक साल पूरा होने का असर सोशल मीडिया पर शिद्दत से महसूस किया जा सकता है. ट्विटर (एक्स) पर #bharatjodoyatra दिन भर ट्रेंड करता रहा. राहुल गांधी, कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ साथ ब्लॉक से लेकर सांसद तक सोशल मीडिया के ज़रिये इस यात्रा को अभूतपूर्व बताने में कोई कोर कसर नहीं छोडी।
ट्विटर (एक्स) पर सभी कांग्रेस के नेताओं ने अपने हैंडल पर भारत जोड़ो यात्रा को चस्पा किया है. देश सभी जिलों में कांग्रेस ने शाम को सांकेतिक यात्रा निकाली जा रही है, जिसके बाद जनसभा का आयोजन है. वहीं भारतीय ओवरसीज कांग्रेस राहुल की मौजूदगी में ब्रसेल्स में भी इसकी सालगिरह मनाएगी.

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