हेमन्त सोरेन की खतियानी जोहार यात्रा के कई मायने हैं।
यात्रा के जरिए जहां एक ओर सरकार द्वारा किए गए और किए जा रहे कार्यों की विस्तृत जानकारी लोगों को दी जा रही है, वहीं सरकार की योजनाओं की वस्तुस्थिति से भी सरकार अवगत हो कार्य कर रही है। आठ दिसंबर 2022 से 31 जनवरी 2023 तक 12 जिला में जोहार यात्रा का आयोजन किया जा चुका है। अब सरकार दूसरे चरण की यात्रा की तैयारी कर रही है। जोहार यात्रा का दूसरा चरण 13 फरवरी 2023 से शुरू हो रहा है। दूसरे चरण में यात्रा का शुभारंभ लातेहार से होगा। इस दौरान हेमन्त सरकार लातेहार और चतरा में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होगी।
*सभी का मिल रहा सहयोग*
जोहार यात्रा की अबतक की यात्रा को देंखे तो सभी जगह लोगों ने इसका स्वागत किया है। सिमडेगा और लोहरदगा जैसे छोटे जिला में भी लोगों का भरपूर सहयोग मिला। खासकर आदिवासियों -मूलवासियों का, जिनके मान और सम्मान के लिए हेमन्त सरकार ने आगे बढ़कर 1932 का खतियान लागू किया। अब यहां के खतियान धारी लोग भी समझने लगे हैं कि हेमन्त सोरेन ने स्थानीय नीति लागू कर प्राथमिकता के आधार पर नौकरी देने का प्रयास किया। लेकिन भाजपा ने इसे असंवैधानिक बताया। क्या यहां के आदिवासियों- मूलवासियों को नौकरी देने की बात गलत है? अब लोग सच्चाई से अवगत हो रहें है। कौन अपना है कौन पराया। इसकी झलक अब जोहार यात्रा में उमड़ रहे लोगों के हुजूम से पता चलता है। हर एक नई यात्रा में परिदृश्य भी बदल रहा है। जहां देश के गृह मंत्री और भाजपा के कद्दावर नेता अमित शाह के आगमन पर लोग जुटाए नहीं जुट रहे, वहीं हेमन्त सोरेन की जोहार यात्रा के लिए लोग पलके बिछाए इंतजार और अभिनंदन कर रहें हैं।