भाजपा नेता सह पूर्व मुख्यमंत्री अपनी संकल्प यात्रा के हर चरण में हेमंत सोरेन सरकार पर राज्य में बिगड़ते लॉ एंडर ऑर्डर का हवाला दे रहे हैं। वे वादा कर रहे हैं कि भाजपा की सरकार बनने पर भ्रष्टाचार मुक्त, अपराध मुक्त शासन लाया जाएगा। तरह-तरह के झूठे वादों कर रहे बाबूलाल मरांडी को उनके द्वारा भाजपा को लेकर किए पूर्व के बयानबाजी याद है और न ही उत्तर प्रदेश, गुजरात जैसे भाजपा शासित राज्यों के बिगड़ते लॉ एंड ऑर्डर की।बाबूलाल कभी कहते थे कि भाजपा शासन में कहीं भी कानून नाम की कोई चीज नहीं बची है। वहीं, उन्हें आज वे हेमंत सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं। क्या उनके बातों को सीरियसली लेना चाहिए, जो वास्तविक नहीं है। आज उत्तर प्रदेश में जिस तरह से अपराधियों का मनोबल बढ़ा है, वह शायद अन्य राज्यों से काफी आगे है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि हर चौराहे पर यमराज हैं, जबकि राज्य में अपराधियों का मनोबल इतना बढ़ा है कि लड़कियों के साथ छेड़छाड़ एक आम बात सी हो गयी है। गुजरात की स्थिति तो अपराध के मामले में और खराब है।
सबसे पहले बाबूलाल मरांडी के भाजपा शासन में लगाए आरोपों की।
1 अगस्त 2019 को गढ़वा पहुंचे बाबूलाल ने सर्किट हाऊस में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा था कि केन्द्र और राज्य में भाजपा सरकार की सत्ता में आने के बाद लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति बेहद खराब हो गई है। हत्या, डकैती, चोरी सहित अन्य घटना आम बात हो गई है। राज्य में सरकार की ओर से ही गुंडागर्दी की जा रही है। राज्य के कई थानों के पुलिस कस्टडी में मौत हो गई। बकोरिया कांड मामले में जांच के नाम पर उसे ठंडा बस्ता में डाला जा रहा है। देशभर में मॉब लिंचिंग की घटना में बेतहाशा वृद्धि हुई है। सूचना अधिकार अधिनियम के तहत कई घोटलों का पर्दाफाश हुआ है। उसके बावजूद आरटीआई कानून में संशोधन कर उसे कमजोर किया जा रहा है।
गुजरात में अपराधियों का मनोबल काफी बढ़ा, तमाम प्रयासों के बावजूद रोक नहीं।
लंबे समय तक गुजरात की सत्ता में रहने वाली भाजपा राज्य में अपराध को रोकने में पूरी तरह असफल रही है। बीते कई माह में राज्य में ऐसे चर्चित अपराध हुए हैं जो भाजपा शासन की पोल खोलने को काफी है।
- गुजरात में शराब पर प्रतिबंध है। इसके बावजूद शराब तस्कर मोटे मुनाफे के लिए गुजरात में शराब की तस्करी करते है। इस पर रोक लगाने के लिए पुलिस की हर कोशिश धरातल पर नहीं उतर रही है।
- गुजरात में वर्ष 2016 से वर्ष 2020 के बीच 41621 महिलाएं गायब हो चुकी हैं। यह आंकड़ा एनसीआरबी नेशनल क्राइम रिपोर्ट ब्यूरो ने सार्वजनिक किए हैं। हर वर्ष 8000 से 9000 महिलाओं का गायब होना बड़ा गंभीर मामले की तरफ इशारा करता है।
- द हिंदू ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि गुजरात में महिलाओं की बड़े पैमाने पर तस्करी हो रही है। तस्करी का शिकार होने वाली ज्यादातर लड़कियां अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्ग से हैं। इनमें से ज्यादातर गरीबी का शिकार हैं, अशिक्षित हैं और उन्हें अपने अधिकारों के बारे में पता नहीं है।