फंसे 41 मजदूरों को बचाने का अभियान अपने अंतिम चरण में है.

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उत्तरकाशी सुरंग हादसे (Uttarkashi Tunnel Collapse) में फंसे 41 मजदूरों को बचाने का अभियान अपने अंतिम चरण में है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक टनल में फंसे मजदूरों को किसी भी वक्त बाहर निकाला जा सकता है. सुरंग में खुदाई पूरी हो गई है. 800 मिमी व्यास का पाइप भी डाला जा चुका है. एनडीआरएफ की टीम पाइप के जरिए मजदूरों तक पहुंच गई है. ये टीम मजदूरों को पाइप के जरिए बाहर निकालने में मदद करेगी. उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही मजदूरों को बाहर निकाला जा सकता है. रेस्क्यू टीमों ने मजदूरों के परिजनों से उनके कपड़े और बैग तैयार रखने को कहा है. मजदूरों को निकालने के बाद उन्हें हॉस्पिटल ले जाया जाएगा. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया है कि टनल में पाइप डालने का कार्य पूरा कर लिया गया है. बहुत जल्द मजदूरों को बाहर निकाल लिया जाएगा. उन्होंने सोशल मीडिया X (ट्विटर) पर लिखा, इससे पहले उत्तराखंड सरकार के सचिव नीरज खेरवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने बताया कि मलबे में 55.3 मीटर तक पाइप डाले जा चुके हैं. कुल 57-59 मीटर की दूरी है. उन्होंने बताया कि अब कुछ ही देर में मजदूरों तक पहुंचा जा सकता है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि 28 नवंबर की शाम तक रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो जाएगा. नीरज खेरवाल ने आगे बताया कि कुल 86 मीटर की वर्टिकल खुदाई भी हो रही है जिसमें से 44 मीटर की खुदाई हो चुकी है. वहीं, रैट माइनर्स भी 57 मीटर की खुदाई में लगे हैं, जिसमें से 55.3 मीटर की खुदाई पूरी कर ली गई है. इतनी ही दूरी तक पाइप भी डाले जा चुके हैं. इससे पहले इस ऑपरेशन में जुटे माइक्रो टनलिंग के विशेषज्ञ क्रिस कूपर ने 28 नवंबर की सुबह को बताया था कि कल रात बहुत अच्छा काम हुआ है. 50 मीटर का फासला पार कर लिया गया है. उन्होंने कहा था कि बहुत सकारात्मक परिणाम दिखाई दे रहा है.

आपको बता दें कि बीते 12 नवंबर को उत्तराखंड की निर्माणाधीन सिल्क्यारा सुरंग का एक हिस्सा ढह गया था. तब से ही वहां बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के 41 मजदूर फंसे हुए हैं. दो हफ़्ते से लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) की एक एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के सात स्टूडेंट्स को गिरफ्तार किया गया है. इन सभी स्टूडेंट्स पर वर्ल्ड कप 2023 (World cup 2023) के फाइनल में भारत की हार का जश्न मनाने का आरोप लगा है. साथ ही इन स्टूडेंट्स पर आरोप है कि उन्होंने पाकिस्तान समर्थक नारे भी लगाए थे. इन स्टूडेंट्स को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत गिरफ्तार किया गया है. इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबरके मुताबिक ये मामला शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी का है. जहां एक छात्र की शिकायत के बाद पुलिस ने ये कार्रवाई की है. शिकायतकर्ता के मुताबिक इंडियन टीम का सपोर्ट करने की वजह से आरोपी स्टूडेंट्स ने उनके साथ गाली-गलौज की और परेशान किया. साथ ही शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि आरोपी छात्रों ने उन्हें गोली मारने की धमकी भी दी. जिससे जम्मू-कश्मीर के बाहर के छात्रों में डर पैदा हो गया.

रिपोर्ट के मुताबिक छात्र की शिकायत के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की. इसके बाद श्रीनगर के गांदरबल थाने में UAPA की धारा 13 और भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 505 और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया. पुलिस ने कहा कि मामले में सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और आगे की जांच की जा रही है. छात्रों के गिरफ्तारी की हुई पुष्टि
वहीं यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने भी इन छात्रों के गिरफ्तारी की पुष्टि की है. उन्होंने कहा पुलिस यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में पहुंची और आरोपी स्टूडेंट्स को अरेस्ट कर लिया है. यूनिवर्सिटी के अधिकारी लगातार पुलिस के संपर्क में हैं और मामले को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं. गिरफ्तार किए गए सभी लोग बैचलर ऑफ वेटरनरी साइंस के फोर्थ ईयर के स्टूडेंट हैं.

वहीं इस मामले को लेकर बैचलर ऑफ वेटनरी साइंस के एक अधिकारी ने कहा कि हॉस्टल में लगभग 300 स्टूडेंट्स रहते हैं, जिनमें से 30-40 पंजाब, राजस्थान और अन्य राज्यों से हैं. 19 नवंबर की रात को स्टूडेंट्स के बीच लड़ाई हुई थी. जहां कश्मीर के बाहर के छात्रों ने आरोप लगाया कि स्थानीय छात्रों ने भारत की हार का जश्न मनाया और उन्हें परेशान किया. दुर्भाग्यपूर्ण बात ये है कि वार्डन या संस्था के किसी अन्य अधिकारी से कोई शिकायत नहीं की गई. छात्र सीधे पुलिस के पास पहुंच गए. अब उन्होंने घटना के संबंध में कोई सबूत प्रस्तुत किया या नहीं, यह तो पुलिस ही जानती है.

बताते चलें कि 19 नवंबर को खेले गए वर्ल्ड कप 2023 के फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 6 विकेट से हरा दिया था.

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