आदिवासी हित का दिखावा विपक्ष का काम
जनता भी परेशान

झारखण्ड
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सीएम हेमंत सोरेन ने भाजपा पर निशाना साधा है. हेमंत सोरेन और सत्ता पक्ष के नेताओं ने कहा है कि भाजपा को आदिवासी-मूलवासी से लेना-देना नहीं है इनको संवैधानिक अधिकार नहीं देना जीबी चाहती है, विपक्ष का कहना है कि सरकार की मंशा यहां के लोगों को अधिकार देने की है ही नहीं.
सत्ता पक्ष ने कहा है की विपक्ष को आदिवासी-मूलवासी की चिंता नहीं है इनको कोई लेना-देना नहीं है केवल नीतियों को उलझाने का काम किया जा रहा है इनको झारखंडियों की चिंता होती, तो फैसला करवाने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव डाला सकती हैं, लेकिन मामला टालने के लिए असंवैधानिक तरीके से काम किया जा रहा है. इनकी पूरी नीति ही संवैधानिक नहीं है. केंद सरकार यहां के नौजवानों की पीड़ा नहीं समझ रही है नौजवान रोजगार के लिए भटक रहे है
भाजपा के लोग आदिवासी और मुलवासी के विकास को देखकर भाजपाइयों के पेट में दर्द हो रहा है. एक आदिवासी युवा मुख्यमंत्री का काम उनसे देखा नहीं जा रहा है. झारखंडियों के हित के लिये जब विधानसभा में 1932 के खतियान आधारित कानून को पास कराया तो 20 लोगों ने मिलकर कोर्ट में चुनौती दी. इसमें एक भाजपा का, बाकी यूपी बिहार के लोग शामिल थे. ये लोग आदिवासी मूलवासी को आगे नहीं बढ़ना देना चाहते हैं. लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है, संघर्ष, बलिदान, झारखंडियों के जीवन का हिस्सा है.

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