झारखंड में झामुमो की अगुवाई वाली सरकार ने इसी दिसंबर में अपने तीन साल पूरे कर लिए हैं. आदिवासियों- मूलवासियों के हक और जल, जंगल, जमीन से जुड़े मुद्दों पर संघर्ष के मूल से उपजी इस पार्टी को पहली बार कायदे से सत्ता का खाद-पानी हासिल हुआ. यह कहने-मानने में कोई गुरेज नहीं होना चाहिए कि पावर एक्सरसाइज की बदौलत वह अपने अब तक के इतिहास में आज सबसे मजबूत स्थिति में है.
पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन जो राज्य के मुखिया भी हैं, तमाम चुनौतियों के बीच भी सियासी पिच आक्रामक बैटिंग कर रहे हैं. 2023 में भी वह इसी पोजिशन पर डटे रहने की कोशिश करेंगे।
झारखंड में 1932 के खतियान (भूमि सर्वे) पर आधारित डोमिसाइल पॉलिसी, ओबीसी-एसटी- एससी आरक्षण के प्रतिशत में वृद्धि, नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज का विस्तार न देने की तीस वर्ष पुरानी मांग पर सहमति, राज्यकर्मियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम, आंगनबाड़ी सेविकाओं-सहायिकाओं के वेतनमान में इजाफा, पुलिसकर्मियों को प्रतिवर्ष 13 माह का वेतन, पारा शिक्षकों की सेवा के स्थायीकरण, सहायक पुलिसकर्मियों के अनुबंध में विस्तार, मुख्यमंत्री असाध्य रोग उपचार योजना की राशि पांच लाख से बढ़ाकर दस लाख करने, पंचायत सचिव के पदों पर दलपतियों की नियुक्ति जैसे फैसलों से सरकार ने अपनी लोकप्रियता का सेंसेक्स बढ़ाया है. झारखंड की जनता हेमंत सोरेन के कामों से खुश नजर आ रही है।
हेमंत सोरेन सरकार की कई योजनाएं हैं, जिसको लेकर सत्ताधारी दल अपने तीन साल के कार्यकाल पर इतरा रही है. जेएमएम नेता पुरानी पेंशन से लेकर छात्रवृति में इजाफा ही नहीं, 1932 का खतियान, OBC को 27 प्रतिशत आरक्षण और सरना धर्म कोड का प्रस्ताव सदन से पारित कराने में हेमंत सोरेन सरकार ही सफल हो पाई है. हेमंत सोरेन से जानता खुश और विपक्ष परेशान है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में गठबंधन की सरकार को गिराने के लिए विपक्ष ने अपने एजेंटों को सुपारी दी। जब उसमें सफल नहीं हुए तो सरकारी एजेंसियों को हम लोगों की ओर झोंक दिया गया ताकि सरकार उसी में उलझी रहे और विकास का काम नहीं हो पाए। मुख्यमंत्री ने खतियानी जोहार यात्रा के दौर आयोजित कार्यक्रम में कहीं ।
हमारी सारी नीतियां कैसे असंवैधानिक हो जाती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विरोधियों की कोई चाल अब सफल नहीं होने वाली है। इस दौरान मुख्यमंत्री केंद्र सरकार पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि अगर हम यहां कोई नीति लाना चाहते हैं तो वह असंवैधानिक हो जाती है, जबकि दूसरे राज्यों में वही नीति संवैधानिक हो जाती है।
मुख्यमंत्री ने अपने कार्यकाल में किये गये कार्यों को गिनाया। उन्होंने कहा कि विरोधियों के 20 वर्ष के कार्यकाल में झारखंड को दलदल में धकेल दिया गया है।
विपक्ष पर लगाया झारखंड को चारागाह बनाने का आरो जल, जंगल, जमीन यहां के पूर्वजों की शहादत के बाद हम लोगों को मिला है। उसे बचाने के लिए हमें आगे आना होगा। दूसरे राज्यों से लोग यहां आते हैं और इसे चारागाह समझकर लूटते हैं। यहां के लोगों के हक को मारते हैं और अपना जेब भरते हैं।
झारखंड की अकूत संपदा का लोगों को नहीं मिला लाभ उन्होंने कहा कि झारखंड में अकूत खनिज संपदा है। यानि सोने का अंडा देने वाली मुर्गी । लेकिन सोने का अंडा देने वाली मुर्गी का पेट फाड़कर अंडा निकालने का विरोधी पार्टी षडयंत्र कर रहे हैं। यहां के अधिकतर आदिवासी गरीब हैं। इन लोगों का कोई सुनने वाला नहीं है। राज् जरूर हुआ, लेकिन उन्हें राज्य चलाने का मौका यहां के लोगों को नहीं दिया गया। झामुमो की सरकार बनने के बाद से जब झारखंडियों के लिए काम किया जा रहा है तो सरकार को हटाने का षडयंत्र रचा जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज देश की आर्थिक स्थिति पूरी तरह से चरमरा गयी है। आज रुपये अपने पैर पर खड़ा नहीं है आज रुपये सिर के बल पर खड़ा है। महंगाई बढ़ने पर दूसरे देशों पर ठीकरा फोड़ा जाता है कि वहां ऐसा हुआ इसलिए महंगाई बढ़ी।
कई भयानक घोटाले सामने आ रहे हैं। आने वाले समय में और कई बड़े घोटाले सार्वजनिक होने वाले हैं। यही हाल रहा तो देश श्रीलंका को भी पीछे छोड़ देगा। पिछली सरकारअगर सिलेंडर की कीमत पांच से सात रुपये बढ़ती थी तो विरोधी सिलेंडर को सिर पर लेकर धरना प्रदर्शन करते थे। आज सिलेंडर का दाम काफी बढ़ गया, लेकिन केंद्र की सरकार कुछ नहीं बोल रही है।