राज्य व देश के विकास में पदाधिकारियों की स्थानीय भाषा की समझ जरुरी

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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रविवार को कहा कि सभी भाषा- संस्कृति की अपनी अलग अहमियत है. इससे उस भाषा से जुड़े समुदाय को अलग पहचान मिलती है. इसे संरक्षित और आगे बढ़ाना हम सभी की जिम्मेवारी है. भाषा की पकड़ जितनी मजबूत होगी, उतना ही मजबूत हमारा समाज और राज्य होगा. सभी भाषा – संस्कृति को संरक्षित करना सरकार की प्राथमिकता है. हर किसी को अपनी भाषा और संस्कृति पर गर्व होना चाहिए. मुख्यमंत्री डॉ रामदयाल मुंडा स्टेडियम में आयोजित तीन दिवसीय बांग्ला सांस्कृतिक मेला के समापन समारोह को संबोधित कर रहे । मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में 10 से ज्यादा स्थानीय और क्षेत्रीय भाषाएं बोली जाती है. यहां के ग्रामीण परिवेश हिंदी से ज्यादा क्षेत्रीय भाषाएं बोली जाती है. ऐसे में राज्य के विकास में अहम जिम्मेदारी निभाने वाले हमारे अधिकारी अगर स्थानीय और क्षेत्रीय भाषाओं को नहीं समझेंगे, नहीं सीखेंगे और नहीं जानेंगे तो वे स्थानीय लोगों से कैसे संवाद स्थापित कर पाएंगे. इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर हमने अपने अधिकारियों को कम से कम क्षेत्रीय भाषाओं को समझने और जानने को कहा है, ताकि वे ग्रास रूट पर लोगों के साथ सीधा संवाद कर उन्हें विकास योजनाओं का लाभ दे सकें. तब ही झारखंड आगे जायेगा।मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि भारत विभिन्न धर्म समुदाय, भाषा, संस्कृति, रहन-सहन और वेशभूषा वाला देश है. यही विविधता में एकता हमारी देश की पहचान है. यह हमारे देश को मजबूती देती है और पूरी दुनिया इसका लोहा मानती है.

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