रांची/झारखंड – जब देशभर की मीडिया नगरीय राजनीति और राष्ट्रीय मुद्दों में व्यस्त रहती है, तब झारखंड का एक डिजिटल मंच, The Real Khabar, चुपचाप गांव-देहात की सच्चाइयों को सामने लाने में लगा है। यह मंच न सिर्फ क्षेत्रीय पत्रकारिता को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि आम जनता की आवाज़ को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाने का भी काम कर रहा है।
The Real Khabar एक स्वतंत्र डिजिटल न्यूज़ प्लेटफ़ॉर्म है, जो झारखंड के ग्रामीण, आदिवासी और पिछड़े इलाकों की समस्याओं, योजनाओं, जनप्रतिनिधियों के कार्यों और प्रशासनिक गतिविधियों को बिना लाग-लपेट के रिपोर्ट करता है। यह पोर्टल पूरी तरह हिंदी भाषा में संचालित होता है और मोबाइल इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।
जमीनी पत्रकारिता की मिसाल
The Real Khabar की टीम न तो एसी दफ्तरों से खबरें बनाती है और न ही टीवी डिबेट्स में हिस्सा लेती है। इनकी पत्रकारिता गांवों की गलियों, पंचायत भवनों, स्कूलों, अस्पतालों और किसानों के खेतों से शुरू होती है। हाल ही में इस पोर्टल ने रामगढ़ के कई पंचायतों में खराब सड़कों, पीने के पानी की किल्लत और विधायकों की गैरमौजूदगी जैसे मुद्दों को उजागर किया।
जनता की जुबान बना ‘The Real Khabar’
यह मंच सोशल मीडिया के ज़रिए लोगों तक पहुंचता है। वीडियो रिपोर्टिंग, ऑन-ग्राउंड इंटरव्यू और लाइव कवरेज इसकी ताकत हैं। YouTube और Facebook पर इसके हजारों फॉलोअर्स हैं। दर्शक इसकी खबरों को ‘जमीनी’ और ‘बिना बनावट’ वाली बताते हैं।
एक स्थानीय शिक्षक रामचंद्र महतो ने कहा, “हमारे गांव की कोई खबर किसी बड़े चैनल पर नहीं आती थी। लेकिन The Real Khabar ने हमारी समस्याओं को उठाया और आज अधिकारी खुद निरीक्षण करने आए।”
चुनौतियां भी कम नहीं
स्वतंत्र और निष्पक्ष रहने की कीमत The Real Khabar को संसाधनों की कमी के रूप में चुकानी पड़ती है। सीमित स्टाफ, फील्ड रिपोर्टिंग की चुनौतियां, और राजनीतिक दबाव – ये सब इसे प्रभावित करते हैं। फिर भी, टीम का मानना है कि असली पत्रकारिता वहीं से शुरू होती है, जहां समस्याएं जन्म लेती हैं।
