राजधानी रांची को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किये जा रहे हैं. लेकिन शहर में अब भी कई ऐसे इलाके हैं, जहां सड़कों पर रात में अंधेरा पसरा रहता है. रांची नगर निगम द्वारा पूरे शहर में 40 हजार स्ट्रीट लाइटें लगवाई गईं है. इनमें से औसतन 25% इलुमिनेटर खराब पड़े रहते हैं. निगम द्वारा स्ट्रीट लाइट लगाने और उसकी मरम्मत की जिम्मेवारी ईईएसएल को सौंपी गयी है. इसके लिए एजेंसी को नगर निगम हर साल 1.25 करोड़ रुपये का भुगतान करता है. फिर भी शहर के कई प्रमुख इलाकों की सड़कें अंधरे में रहती है. ईईएसएल की कार्यशैली पर कई बार सवाल खड़े हुए हैं. निगम बोर्ड से भी ईईएसएल को खराब कार्यशैली के कारण दो बार हटाने का प्रस्ताव पास हुआ. बोर्ड मीटिंग में भी पार्षदों ने कहा था कि ईईएसएल की कार्यशैली सही नहीं है. इसके बावजूद निगम न जाने क्यों एजेंसी पर मेहरबान है.
इन इलाकों में पसरा रह रहा अंधेरा
शहर के कई इलाके ऐसे हैं, जहां सड़कों पर शाम होते ही अंधेरा पसर जाता है. पुरुलिया रोड, किशोरगंज चौक से बड़ा तालाब जानेवाली सड़क, कोकर चौक से आगे क्यूरेस्टा हॉस्पिटल गली में स्ट्रीट लाइट नहीं जलती है. खेलगांव बाबा चौक से होटवार जेल तक की सड़क पर कई स्ट्रीट लाइट खराब पड़ी है. कांटाटोली से सिरमटोली चौक, बहूबाजार से कर्बला चौक, ओवरब्रिज, रातू रोड, कांके रोड, बरियातू रोड, बूटी मोड़ से जुमार पुल तक, हरमू हाउसिंग कॉलोनी, थड़पखना, गंगा नगर, विद्यानगर, अलबर्ट कंपाउंड, लोअर चुटिया, केतारी बागान, मकचुंद टोली, डोरंडा, हिनू बड़ा पुल, साकेत नगर, शुक्ला कॉलोनी, एचईसी साइट फाइव, हटिया, धुर्वा, बांधगाड़ी, खेलगांव, दीपाटोली, बड़गाईं आदि इलाकों के अधिकतर खंभों की लाइट जलती ही नहीं है. स्ट्रीट लाइट खराब है, निगम के अफसरों को जानकारी में भी है, पर निगम के अफसर एजेंसी पर जिम्मेवारी थोप कर चुप्पी साध लेते हैं.
येलो लाइट से हो रही है दिक्कत
नगर निगम की ओर से शहर की प्रमुख सड़कों व गली- मोहल्ले में एलईडी लाइट लगायी गयी है. इससे बेहतर रोशनी हो रही है. बिजली की खपत में भी कमी आयी है. लेकिन दूसरी तरफ शहर की वीवीआईपी सड़क कांके रोड में अब भी सोडियम वेपर लाइट लगी है. इससे पीली रोशनी कम ही निकलती है. रात में वाहन चालकों को सड़क भी क्लीयर नहीं दिखता है. इन लाइटों के संबंध में निवर्तमान उप महापौर संजीव विजयवर्गीय ने कहा कि जेएआरडीसीएल ने अब तक इस सड़क की स्ट्रीट लाइट निगम को हैंडओवर नहीं की है. अगर एजेंसी निगम को इसे सौंप देती, तो यह सड़क भी दूधिया रोशनी से जगमगाती.
हेल्पलाइन नंबर : शिकायतें आ रहीं, पर दूर नहीं हो रहीं
स्ट्रीट लाइट की मरम्मत प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए निगम ने शहर को चार क्षेत्रों में बांट कर कर्मचारियों को जिम्मेवारी सौंप दी है. यदि किसी क्षेत्र में स्ट्रीट लाइट खराब है, तो संबंधित क्षेत्र के निवासी सीधे हेल्पलाइन नंबर 7488259803, 7257000145, 9431798116 और 7257000151 पर कॉल कर सकते हैं. वैकल्पिक रूप से, शिकायतें टोल-फ्री नंबर 18001803580 पर दर्ज कराई जा सकती हैं. नियंत्रण कक्ष के लिए अतिरिक्त संपर्क नंबर 0651-2200011, 0651-2200025 और मोबाइल नंबर 9431104429 भी जारी किए गए हैं. लोग शिकायतें दर्ज तो करा रहे हैं, लेकिन कब दूर होंगी, दूर होंगी भी या नहीं, यह बतानेवाला भी कोई नहीं.
सुस्ती में ऊंघ रही देखरेख करनेवाली टीम
वर्तमान में स्ट्रीट लाइट के रख-रखाव के लिए नगर निगम ने टीम का गठन किया है, जिसमें 15-20 सदस्य हैं. टीम पर विभिन्न वार्डों में खराब पड़ी एलईडी वेपर और स्ट्रीट लाइट की मरम्मत की जिम्मेवारी है. लेकिन टीम सुस्त पड़ी है. या यूं कहें टीम सो गयी है. खराब स्ट्रीट लाइट की शिकायत के लिए टीम ने हेल्पलाइन नंबर जारी कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली है. वैसे टीम का दावा है कि वे नई बस्तियों और कॉलोनियों की पहचान कर रही है, जहां स्ट्रीट लाइट की जरूरत है. लाइट लग रही है या नहीं, लगेगी भी या नहीं, इसके बारे में चुप्पी साधे रह रही है टीम.